खैरात बन गये हैं नगर निगम के सैरात- नगर निगम के संसाधनों का हाल बदतर – आंतरिक बैठक में सामने आयी हकीकत – साधन रहते हुए भी नहीं हो रही है आय संवाददाता, पटना पटना नगर निगम के हालात को जितना बदतर हम और आप समझते हैं, हालात उससे भी ज्यादा खराब हैं. नगर निगम को राजस्व देनेवाले सैरात शहर में खैरात जैसे हो गये हैं. जिसे चाहा कब्जा कर लिया और जिसका मन हुआ, वह संसाधनों को अपने हिसाब से उपयोग कर लिया. जब सैरातों का हाल नगर आयुक्त ने अधिकारियों से लिया, तो एक ऐसी तसवीर निकल कर आयी, जिससे आप निगम के भविष्य के बारे में आनेवाले दिनों में पूरा खाका खींच सकते हैं. जबकि, निगम के आंतरिक राजस्व का मुख्य स्रोत परिसंपत्तियों के स्थायी और अस्थायी बंदोबस्ती से प्राप्त राशि है. निगम के आंतरिक संसाधन की हुई बैठक में फलदार वृक्ष, वाहन पार्किंग, सब्जी मंडी, वाहन स्टैंड, तालाब पोखर, हाट मेला, विद्युत शवदाह गृह, शौचालय आदि की स्थिति सामने आयी.पहुंचना मुश्किल तो नहीं हुई बंदोबस्तीनिगम क्षेत्र में फलदार वृक्षों की अच्छी खासी संख्या है, जिससे ठीक-ठाक राजस्व मिल जाता है. नूतन राजधानी अंचल में ताड़ के दो पेड़ हैं, जिसकी बंदोबस्ती की जाती है. लेकिन, एक साल से पेड़ के पास स्क्रैपिंग मैटेरियल रख दिया गया है, जिससे वहां पहुंचना मुश्किल हो गया है और इसकी वजह से बंदोबस्ती हुई ही नहीं है. इसी तरह बांकीपुर में 103 और पटना सिटी में 89 फलदार वृक्ष हैं. लेकिन हकीकत यही है कि इन पेड़ाें की भी नीलामी नहीं की गयी है. सूत्रों की मानें तो जिनकी नीलामी संभव नहीं है, उन वृक्षों के बारे में वह जानकारी ही नहीं रखता है. घेराबंदी नहीं होने से वसूली मुश्किलबांकीपुर और कंकड़बाग अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि निगम में जिस जमीन की घेराबंदी नहीं की गयी है, वैसी जगहों से शुल्क की वसूली में कठिनाई होती है. आम लोगों को लगता है कि यह जमीन किसी की संपत्ति नहीं है. इससे जब वसूली करने वहां जाते हैं, तो मारपीट की नौबत आती है. नगर आयुक्त ने पदाधिकारियों को घेराबंदी करने के लिए एस्टीमेट मांगा है. नहीं जमा होती पार्किंग वसूली की राशिइकाे पार्क के सामने और बोरिंग कैनाल रोड में लोग अपनी गाड़ियां पार्क करते हैं. उनसे इसका शुल्क भी लिया जाता है, लेकिन वह राशि निगम के पास पूरी तरह पहुंचती ही नहीं है. कार्यपालक पदाधिकारी ने जब नगर आयुक्त को यह जानकारी दी, तो उन्होंने औसतन वसूली प्रतिदिन और जमा की गयी राशि के अंतर पर रिपोर्ट मांगी. 21 शौचालय, पर आय जीरो निगम के अंतर्गत शौचालय तो आप देखते होंगे, लेकिन इसका हाल यह है कि 21 शौचालय बगैर मरम्मत के यूं ही पड़े हैं. उनकी बंदोबस्ती नहीं हो पा रही है. नूतन राजधानी में छह, कंकड़बाग व बांकीपुर में एक-एक और पटना सिटी में चार शौचालय का कुछ ऐसा ही हाल है. और तो और, कौशल नगर में तो एक शौचालय ऐसा है, जिस पर स्थानीय महिलाओं का कब्जा है. इसके कारण बंदोबस्ती नहीं हो रही है. हाट बाजार से भी नहीं मिलती है राशि निगम क्षेत्र के हाट बाजारों से आय मिल सकती है, लेकिन दूसरे विभाग की जमीन पर लगनेवाले हाट बाजार से निगम को कोई राशि नहीं मिलती है. इसमें बाजार समिति, चितकोहरा गेट, रूकनपुरा, बकरी बाजार आदि शामिल हैं. मीठापुर बस स्टैंड पर वसूली से ज्यादा खर्च मीठापुर अंतरराज्यीय बस पड़ाव और परिवहन नगर में विभागीय वसूली पीआरडीए की ओर से की जा रही है, लेकिन विभागीय वसूली बहुत ही कम है. वसूली से ज्यादा राशि बस पड़ाव के रखरखाव और कर्मचारियों के वेतन भुगतान में खर्च हो जाती है. यह कैसा सौदा है, इसे साफ समझा जा सकता है. नगर आयुक्त ने इसकी बंदोबस्ती दूसरे को करने की कार्रवाई पांच नवंबर तक सुनिश्चित करने को कहा है. विद्युत शवदाह गृह से भी नहीं मिलता राजस्वनिगम में कुल तीन विद्युत शवदाह गृह हैं. इनका रखरखाव नहीं होने से लोग आते ही नहीं हैं. इसकी वजह से यहां से भी निगम को राजस्व की प्राप्ति नहीं हो पा रही है. कार्यपालक पदाधिकारी को इसका निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.
BREAKING NEWS
खैरात बन गये हैं नगर निगम के सैरात
खैरात बन गये हैं नगर निगम के सैरात- नगर निगम के संसाधनों का हाल बदतर – आंतरिक बैठक में सामने आयी हकीकत – साधन रहते हुए भी नहीं हो रही है आय संवाददाता, पटना पटना नगर निगम के हालात को जितना बदतर हम और आप समझते हैं, हालात उससे भी ज्यादा खराब हैं. नगर निगम […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement