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क्लास वन और टू की किताबों में होगा बदलाव

क्लास वन और टू की किताबों में होगा बदलावफ्लैग बच्चों की किताबों में नहीं दिखेगा अब लिंग आधारित उदाहरणअनुपम कुमारी, पटनाअब किताबों में लड़का-लड़की में अंतर करनेवाले उदाहरण नहीं दिखेंगे. सिलेबस में कई बदलाव किये जा रहे हैं. इससे वैसे उदाहरणों को हटाया जायेगा, जिनसे लड़कियों की मन:स्थिति को कमजोर करता हो. दोनों को एक […]

क्लास वन और टू की किताबों में होगा बदलावफ्लैग बच्चों की किताबों में नहीं दिखेगा अब लिंग आधारित उदाहरणअनुपम कुमारी, पटनाअब किताबों में लड़का-लड़की में अंतर करनेवाले उदाहरण नहीं दिखेंगे. सिलेबस में कई बदलाव किये जा रहे हैं. इससे वैसे उदाहरणों को हटाया जायेगा, जिनसे लड़कियों की मन:स्थिति को कमजोर करता हो. दोनों को एक समान दिखाया जायेगा. यही नहीं, बच्चों की पढ़ाई को आसान और आकर्षित बनाने की भी तैयारी है. यह तैयारी बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा की जा रही है. सूत्राें की मानें तो एनसीइअारटी द्वारा क्लास वन और टू के बच्चों की किताबों में कई बदलाव किये जायेंगे. खासकर बच्चों को उदाहरण में दी जानेवाली वे सभी बातें, जो लिंग आधारित हैं, उनको खत्म किया जाना है. यदि बच्चों की किताबों में राम को स्कूल जाते दिखाया जाता है, तो अब सीता को काम करता हुआ नहीं दिखाया जायेगा. वह भी अब लड़कों के बराबर स्कूल जाती दिखेंगी. इसके अलावा लड़कों को पेड़ पर चढ़ना जैसे कई अन्य टूल्स में भी बदलाव किये जायेंगे, ताकि लड़के और लड़कियों के बीच लिंग भेद जैसी बातें समाप्त हो सके. प्रिटिंग भी होगी खासबच्चों की किताबें आकर्षित हों, इसके लिए उसकी प्रिटिंग और फोटो चयन का भी खास ध्यान दिया जाना है. किताबों में छपे चित्र ऐसे होंगे, जो बच्चों को तुरंत आकर्षित करे. यदि महात्मा गांधी के चित्र को दिखाया जाना है, तो वह चित्र ऐसा होगा, जिसे देख बच्चे आसानी से पहचान सकें. वर्क बुक से अधिक सीखते हैं बच्चेएनसीइआरटी की आयाेजित समीक्षा बैठक में यह बात भी निकल कर आयी है कि सामान्य किताबों से पढ़ाई करनेवाले बच्चों की तुलना में वर्क बुक से पढ़ाई करनेवाले बच्चे ज्यादा और जल्दी सीखते हैं. मालूम हो कि बिहार शिक्षा परियोजना की ओर से पहली बार पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए वर्क बुक की सुविधा पिछले साल शुरू की गयी. इसकी सफलता को देखते हुए इसे तीसरी कक्षा में भी ज्लद ही लागू करने की बात कही जा रही है.कोट : बच्चों की अभ्यास पुस्तिका में लिंग भेद आधारित उदाहरण में बदलाव किये जाने हैं. इसकी तैयारी की जा रही है. चुनाव बाद कई शिक्षाविदों द्वारा इस पर राय ली जायेगी. इतना ही नहीं, बच्चे आसानी से पढ़ाई कर सके, इस पर भी मंथन चल रहा है.- डाॅ उदय कुमार उज्जवल, अपर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद \\\\B

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