पटना : जीपीओ गोलंबर के पास एजी आॅफिस की चौथी मंजिल की खिड़की से बुधवार की सुबह करीब 10.15 बजे सीनियर ऑडिट अाॅफिसर ह्दयेश कुमार वर्मा (45) को नीचे फेंक दिया गया. वे करीब 40 फुट की ऊंचाई से आॅफिस परिसर में नीचे गेट के पास रखी प्लास्टिक की कुरसी व गमले पर गिरे.
कुरसी आैर गमले दोनों टूट गये और उनकी घटना स्थल पर ही मौत हो गयी. घटना के दौरान पूरे ऑफिस में अफरातफरी मच गयी. आनंद अपार्टमेंट में रहनेवाले उनके बहनोई रविशंकर वर्मा का आरोप है कि ऑफिस में उनका किसी से विवाद हुआ है और इसके बाद उन्हें पीछे से धक्का दे दिया गया है. उनके आवेदन पर कोतवाली थाने में अज्ञात के खिलाफ
हत्या का मामला दर्ज किया गया है. उधर मौत की खबर से घर में कोहराम मच गया. उनकी पत्नी व दोनों बेटियां बदहवास हो गयीं. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल का जायजा लिया.
आशियाना में पासपोर्ट आॅफिस के पास देवकी नंदन अपार्टमेंट (फ्लैट संख्या 204) में एचके वर्मा रहते थे. वह पटना सिटी के रहनेवाले थे. वर्ष 1991-92 में उनकी बहाली हुई थी. वह एजी ऑफिस में कॉश सेल में सीनियर ऑडिट ऑफिसर थे. अपार्टमेंट के गार्ड के मुताबिक वह सुबह करीब नौ बजे फ्लैट से आॅफिस के लिए निकले.
वह एजी ऑफिस पहुंचे और चौथे मंजिल पर मौजूद अपने कार्यालय में चले गये. सुबह का वक्त था, सभी पदाधिकारियों व कर्मचारियों के अाने का क्रम जारी था. इसी बीच एचके वर्मा अपने कार्यालय कक्ष के सामने खिड़की से नीचे परिसर में गिरे और उनकी मौत हो गयी. वे खिड़की से करीब तीन फुट दूर गिरे थे.
शर्ट का कॉलर फटा था, हाथापाई का शक
एचके वर्मा के अपार्टमेंट के सामने आनंद अपार्टमेंट में उनके बहनोई रविशंकर वर्मा रहते हैं. उनका कहना है कि पारस हॉस्पिटल से फोन आया था. इसके बाद वह हॉस्पिटल पहुंचे, तो उनकी मौत हो चुकी थी. जब लाश देखने करीब पहुंचे तो देखा कि शर्ट का कॉलर फटा हुआ था. इसी पर शंका है कि उनसे किसी से हाथापाई हुई है और फिर उन्हें खिड़की के रास्ते नीचे धक्का दे दिया गया है. घटना के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया और शव परिजनों को सौंप दिया है. गुरुवार को पटना में ही उनका दाह संस्कार किया जायेगा. उनकी पत्नी रीना वर्मा ने बताया कि घर में सबकुछ ठीक चल रहा था, अचानक से यह सब हुआ. उनकी दाे बेटियां हैं, जिनमें बड़ी बेटी ओडीसा में लॉ सेकेंड इयर की छात्रा है और छोटी बेटी पटना में ही प्लस टू में पढ़ती है.
डेढ़ माह से मानसिक तनाव में थे
एचके वर्मा कार्यस्थल पर मानसिक तनाव झेल रहे थे और करीब डेढ़ माह से गुमसुम रहते थे. स्वभाव से हंसमुख थे, पर ऑफिस के तनाव ने उन्हें अवसाद में ला दिया था. उन्हें धक्का दे दिया गया है या फिर खुद खिड़की से कूद गये, यह तो अनुसंधान का विषय है, पर इतना साफ है कि उनकी मौत के जिम्मेवार ऑफिस की परिस्थितियां ही हैं. उनकी मौत एजी ऑफिस में दिनभर चर्चा का विषय बनी रही. चर्चा यह भी थी कि उनको अाॅफिस के एक पदाधिकारी ने टारगेट कर लिया था. हालांकि इस बारे में उनकी पत्नी को कुछ खास नहीं पता है.