पटना: भट्टाचार्या मोड़ से आयकर गोलंबर की दूरी भले ही आधे किमी से कम हो, मगर इसे तय करने में घंटा भर लग जाता है. पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारियों को अगर इसका अनुभव न हो, तो शाम को इस सड़क पर उतर कर देखें.
सोमवार को ‘प्रभात खबर’ संवाददाता ने खुद इसकी सच्चई परखी. कदमकुआं से लौटते वक्त शाम साढ़े पांच बजे भट्टाचार्या मोड़ पर खड़े थे. हॉर्न की चिल्ल-पो, इंजन की घड़घड़ाहट, वाहन सवार दूसरे यात्रियों की ठोकर और शब्द वाण ङोलते हुए जब इनकम टैक्स गोलंबर पहुंचे, तो उनकी घड़ी में शाम के साढ़े छह बज चुके थे. इनकम टैक्स पहुंचने पर जंग जीतने से एहसास हुआ.
चिढ़ा रहा था स्पीड मीटर
भट्टाचार्या मोड़ से आयकर गोलंबर तक चार क्रॉसिंग हैं. एक क्रॉसिंग को पार करने में 15 से 20 मिनट लगा. इस दौरान वाहनों के हॉर्न की आवाज रुलाई से कम नहीं लग रही थी. यह आवाज उन वाहन पर सवार यात्रियों की भावनाओं को व्यक्त कर रहे थे. बाइक पर लगी स्पीड मीटर मानो चिढ़ा रहे हो. हिम्मत है तो दस से आगे बढ़ा कर दिखाओ. ईंधन का कांटा उदासी की शक्ल में झुकता ही चला जा रहा था. बाइक आगे बढ़ी नहीं की, पीछे से दूसरी बाइक ठोकर मारने को तैयार.
असहाय दिखी ट्रैफिक पुलिस
सड़क पर वाहनों की भीड़ ट्रैफिक पुलिस को भी चिढ़ा रही थी. उनकी भूमिका महज महज दिशा देने भर की थी. रस्समकश ट्रैफिक के सामने पुलिसकर्मी असहाय से दिख रहे थे. चिल्ल-पो के बीच जमाल रोड के पास ट्रैफिक पुलिस का एक सिपाही जूझता दिखा. डाकबंगला के चारों तरफ जवान मुस्तैद थे. आयकर गोलंबर पर ट्रैफिक थोड़ा हल्का दिखा, मगर उससे पहले तारामंडल के सामने काफी भीड़ थी.