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हिंसा नहीं, पानी और शेड की लोग कर रहे शिकायत
पटना : राज्य में मतदाताओं की शिकायतों का ट्रेड इस बार बदला-बदला रहा. इस बदलाव को चुनाव कार्यालय ने भी नोट किया है. अब पहले की तरह मार-धाड़ की शिकायतें नहीं आ रहीं. इस बार शिकायतों का केंद्र मतदान केंद्रों पर मारपीट या बूथ लूट की जगह वोटरों की सुविधा और व्यवस्था रही. मुख्य चुनाव […]
पटना : राज्य में मतदाताओं की शिकायतों का ट्रेड इस बार बदला-बदला रहा. इस बदलाव को चुनाव कार्यालय ने भी नोट किया है. अब पहले की तरह मार-धाड़ की शिकायतें नहीं आ रहीं. इस बार शिकायतों का केंद्र मतदान केंद्रों पर मारपीट या बूथ लूट की जगह वोटरों की सुविधा और व्यवस्था रही. मुख्य चुनाव पदाधिकारी के कार्यालय ने शिकायतों को दर्ज करने के लिए इस बार भी कंट्रोल रूम बनाया. शिकायतें आयीं भी, लेकिन नये ट्रेंड में.
अब तक का ट्रेड यह था कि मतदान के दिन हिंसा के भय से ज्यादातर लोग वोट डालने नहीं जाते थे. दिन भर टीवी देखकर वक्त बिताते थे. अनहोनी की आशंका के बीच दिन बीतता था. हर कोई यह जानकारी तलाश रहा होता था कि शांतिपूर्ण मतदान में कहीं बाधा तो नहीं पड़ी? इस बार जहां पहले के मुकाबले ज्यादा लोग वोट करने आये, वहीं कंट्रोल रूप में नयी तरह की शिकायतें आयीं. निर्वाचन विभाग के कंट्रोल रूम में मतदान रिपोर्ट और शिकायतों को दर्ज करने के लिए 75 कर्मियों और पदाधिकारियों की टीम सबेरे छह बजे से तैनात थी. देर शाम तक एक भी ऐसी शिकायत नहीं आयी, जो हिंसा की हो. पहले बूथ लूट, मतदान से रोकने और मारपीट जैसी घटना की हो.
पहले ऐसी ही शिकायतों से कंट्रोल रूम का रजिस्टर भरा होता था और अधिकारी हलकान रहते थे. इस बार भी ऐसी ही शिकायतों के आने की आशंका थी और उसी हिसाब से व्यवस्था भी की गयी थी, लेकिन पहले चरण के दस जिलों के 49 विधानसभा क्षेत्र से हिंसा या विधि व्यवस्था से जुड़ी एक भी शिकायत नहीं आयी. कंट्रोल रूम के अधिकारी के मुताबिक इस बार बूथ पर धूप से बचने के लिए शेड के नहीं होने, बुजुर्गों को मतदान में प्राथमिकता नहीं मिलनेद्व पीने के पानी की कमी और पहले मतदान करने के लिए आपाधापी जैसी शिकायतें आती रहीं.
कंट्रोल रूप के अधिकारी भी उसी मुस्तैदी से इन शिकायतों को निबटाने में लगे रहे. कहीं-कहीं से मतदान की धीमी गति, इवीएम की खराबी, बूथों पर महिलाओं के लिए सुविधाओं की कमी जैसी शिकायतें भी आयीं. चुनाव आयोग द्वारा मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए तय की गयी न्यूनतम सुविधाओं को लेकर ही ज्यादा शिकायतें मिलती रहीं.
शिकायतों का बदला ट्रेंड
– बूथ पर वोटरों के लिए पीने के पानी का इंतजाम नहीं है, धूप कड़ी है, शेड नहीं लगाया गया है
– बुजुर्गो को वोट डालने में प्राथमिकता नहीं मिल रही है. महिला वोटरों की सुविधा का इंतजाम कराइए
– वोट धीरे-धीरे पड़ रहा है, वोटर परेशान हो रहे हैं, हर कोई पहले वोट करना चाह रहा है, इवीएम खराब है, जल्दी वोटिंग शुरू कराइए
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