पटना: बिहार में बने चुनावी माहौल के बीच प्रचार को लेकर राजनीतिक पार्टियां बड़ी-बड़ी इवेंट कंपनियों का सहारा ले रही हैं. उनकी मदद से होर्डिंग, बैनर, टीवी कर्मशियल, प्रिंट विज्ञापन व सोशल मीडिया सहित कई नये माध्यमों का प्रयोग कर जनता तक पार्टियों के एजेंडे को पहुंचाया जा रहा है. लेकिन आधुनिक मीडिया के इस युग में प्रचार के पुराने माध्यम का क्रेज भी कायम है. छोटी-बड़ी कई पार्टियों ने प्रचार को लेकर नुक्कड़ नाटक का सहारा लेना शुरू कर दिया है.
कम पैसे में ग्रामीण इलाके तक प्रभावी पहुंच के लिए पार्टियों ने कई नुक्कड़ पार्टियों को अपने साथ जोड़ा है. एक-एक ग्रुप के पास कई पार्टियों का प्रचार प्रसार की जिम्मेवारी होती है. इससे पार्टी का प्रचार प्रसार कैसे हो, इसकी योजना पार्टी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ या उनकी इवेंट कंपनी करती है. सांस्कृतिक प्रकोष्ठ पार्टी के प्रचार संबंधित सारी तैयारी करके नुक्कड़ नाटक ग्रुप को देती है. उन्हें हर दिन या सप्ताह के अनुसार प्रचार के बारे में बताया जाता है. कलाकार रौशन कुमार ने बताया कि पार्टी के इवेंट कंपनी या सांस्कृतिक प्रकोष्ठ वाले हमसे संपर्क करते है. जितने पर सहमति बनती है, उस पैसे में भी कटौती करके ही हमें दिया जाता है.
हजार रुपये भी नहीं देना चाहते नेताजी : नुक्कड़ नाटक के कलाकार को हर पार्टी हजार रूपये देने में भी अनाकानी करती है. कलाकार अभिषेक नाटक ग्रुप के अभिषेक ने बताया कि हम प्रति कलाकार हजार रूपये की मांग करते है, लेकिन कोई भी पार्टी हजार रूपये भी नहीं देना चाहती. आने-जाने का खर्च नहीं देती है.
एक दिन में कई शो : एक राजनीतिक पार्टी एक दिन में कई शो का कांट्रेक्ट करती है. कोई पार्टी एक दिन में अलग-अलग जगहों पर जाकर शो करती है तो कई पार्टी जिलो के अनुसार ग्रुप से कांट्रेक्ट करती है.
15 से 30 मिनट का होता है एक शो
वैसे तो एक नुक्कड़ नाटक अधिक से अधिक से 30 मिनट का होता है. लेकिन इसकी तैयारी में लगभग एक घंटे का समय लग जाता है. पार्टी एक दिन में पांच से छह शो करवाती है. यह शो शहर के अलग-अलग जगहों पर होता है. कई बार तो एक जिला से दूसरे जिला में भी जाकर नुक्कड़ नाटक करना होता है.
विधायक भी करवा रहे प्रचार
पार्टी के अलावा किसी क्षेत्र के विधायक भी अपना प्रचार प्रसार नुक्कड़ नाटक के माध्यम से करवाते है. इसमें कलाकार उस विधायक का सारा काम करते है. कलाकार रौशन कुमार नाटक ग्रुप के अनुसार विधायक वाला ट्रेंड इस बार काफी बढ़ गया है. कई विधायकों ने हमसे संपर्क करना शुरू कर दिया है.
पार्टी के एजेंडे जनता के पास
पार्टी की जो भी घोषणाएं होती है. सरकार बनने के बाद पार्टी किस तरह से जनता के लिए काम करेगी, इसकी पूरी जानकारी नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पहुंचाया जाता है. रघु नाटक ग्रुप के रघु जी ने बताया कि हर पार्टी अपनी घोषणाओं की जानकारी हमें देते है.
अभी हमारे ग्रुप ने दो राजनीतिक पार्टी का नुक्कड़ नाटक किया है. कई जिलों में जाकर पार्टी का प्रचार प्रसार नाटक के माध्यम से किया गया है. अभी तक पारिश्रमिक नहीं मिला है.
रौशन कुमार, नुक्कड़ नाटक
पार्टी नुक्कड़ नाटक का अब अपना प्रचार माध्यम बनाने लगे है. इसके लिए चुनाव के पहले ही से कलाकारों से संपर्क भी करने लगते है. एक दिन या एक सप्ताह तक की बुकिंग होती है. पार्टी के कहेनुसार जगह पर जाकर नुक्कड़ के जरिये पार्टी का प्रचार होता है.
हीरालाल, रंगकर्मी