पटना: पटना जंकशन की तर्ज पर अब दानापुर मंडल के दो स्टेशनों पर भी रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआइ) सिस्टम की सुविधा दी जायेगी. मंडल के झाझा और दानापुर स्टेशन पर यह सुविधा अप्रैल से शुरू हो जायेगी. सिस्टम लगाने का कार्य दिसंबर महीने से शुरू होगा. पूर्व मध्य जोन के महाप्रबंधक कार्यालय से यह प्रपोजल […]
पटना: पटना जंकशन की तर्ज पर अब दानापुर मंडल के दो स्टेशनों पर भी रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआइ) सिस्टम की सुविधा दी जायेगी. मंडल के झाझा और दानापुर स्टेशन पर यह सुविधा अप्रैल से शुरू हो जायेगी. सिस्टम लगाने का कार्य दिसंबर महीने से शुरू होगा. पूर्व मध्य जोन के महाप्रबंधक कार्यालय से यह प्रपोजल पास कर किया गया है.
सिस्टम शुरू हो जाने से जहां ट्रेन परिचालन के समय में सुधार होगा, वहीं सिगनल फेल की समस्या से भी छुटकारा मिल जायेगा. आरआरआइ की सुविधा सिर्फ पटना जंकशन पर ही है. इसके अलावा पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद स्टेशन पर यह सुविधा संचालित हो रही है. वहीं रेलवे अधिकारियों का कहना है कि झाझा और दानापुर स्टेशन पर ट्रेनों की संख्या और ट्रैफिक दबाव को देखते हुए चुना गया है.
क्या है आरआरआइ और कैसे करता है काम
रूट रिले इंटारलॉकिंग सिस्टम आटोमैटिक सिग्नल प्रणाली है. जैसे ही कोई ट्रेन स्टेशन से एक किलोमीटर होम सिग्नल पर पहुंचती है] आरआरआइ का काम शुरू हो जाता है. सिस्टम प्रणाली ही तय करता है कि कौन सी ट्रेन किस प्लेटफॉर्म पर आनी है. जिन स्टेशनों पर यह सुविधा नहीं है, वहां रेलवे कर्मचारियों को यह काम करना पड़ता है.
सात महीने की ट्रेनिंग फिर ड्यूटी
कोलकाता में सात महीने की ट्रेनिंग के बाद पैनल ऑपरेशन करना सिखाया जाता है. इस ट्रेनिंग के बाद होनेवाले टेस्ट में पास करनेवालों को को डेढ़ माह तक वर्किंग सिखायी जाती है. उसके बाद कर्मचारियों की मनोवैज्ञानिक टेस्ट लिया जाता है. फिर ड्यूटी मिलती है.
दानापुर और झाझा स्टेशन पर दिसंबर महीने से आरआरआइ सिस्टम लगाने का काम चालू हो जायेगा. 31 मार्च को काम पूरा कर अप्रैल महीने से सुविधा शुरू हो जायेगी.
रणजीत कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी दानापुर मंडल