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वार रूम : प्रचार की स्ट्रेटजी, विरोधियों पर हमले के टिप्स
चुनाव मैदान में उतरे राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी प्रचार और अपने विरोधियों पर वार के लिए हर रोज नये तरीके आजमाते हैं.एक-दूसरे को तथ्यों व तर्को से जवाब देते हैं. असल में इसकी रणनीति कहीं और बनती है. इस बार विधानसभा चुनाव में सभी प्रमुख दलों ने अपने-अपने वार रूम बना रखे हैं. समय […]
चुनाव मैदान में उतरे राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी प्रचार और अपने विरोधियों पर वार के लिए हर रोज नये तरीके आजमाते हैं.एक-दूसरे को तथ्यों व तर्को से जवाब देते हैं. असल में इसकी रणनीति कहीं और बनती है.
इस बार विधानसभा चुनाव में सभी प्रमुख दलों ने अपने-अपने वार रूम बना रखे हैं. समय बदलने के साथ इस बैक ऑफिस की वही भूमिका है जो युद्ध में रणनीति बनाने वाली टीम की होती है.
भाजपा : नेताओं को बौद्धिक खुराक दे रहे विशेषज्ञ
भाजपा कार्यालय के इस शीशे वाले कमरे में आमलोगों को जाने की मनाही है. कमरे के दरवाजे पर बायोमेट्रिक सिस्टम लगा है. यह है भाजपा का वार रूम. यहीं से पार्टी पूरे चुनाव पर नजर रख रही है. बिहार प्रभारी सांसद भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में महानगरों से आयी आइटी की टीम पार्टी के लिए इनपुट जुटा रही है.
इसके अलावा भी चार और जगहों पर वार रूम से जुड़े काम हो रहे हैं. यहां प्रोफेशनल्स उम्मीदवार और उनके प्रचार में घुम रहे नेताओं को बौद्धिक खुराक उपलब्ध करा रहे हंै. पार्टी का स्पेशल वार रूम गांधी मैदान के आसपास चल रहा, जो सीधे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को
रिपोर्ट करती है.
राजद : तीन जगहों से तैयारी
राजद का वार रूम तीन स्थानों पर है. पहला, लालू प्रसाद के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड में. यहां से उनका कार्यक्रम निर्धारित होता है. इसके अलावा पार्टी का आइटी हब दानापुर स्थित गौशाला में है. यहां दिल्ली से आइटी के प्रोफेशनल संजय यादव के नेतृत्व में काम हो रहा है. यह टीम राष्ट्रीय अध्यक्ष को सही समय पर सही सूचना उपलब्ध कराती है. यहां भाजपा को जवाब देने के लिए कंटेंट भी लिखा जाता है. तीसरा वार रूम राजद के प्रदेश कार्यालय में है.
लोजपा : बन रहा प्रचार कार्यक्रम
लोजपा ने एक दर्जन नेताओं को अपने वार रूम के संचालन की जिम्मेवारी सौंपी है. वार रूम लोजपा के प्रदेश कार्यालय से संचालित हो रहा है. यहां से नेताओं के क्षेत्रों में कार्यक्र म तय किये जा रहे हैं. साथ ही प्रचार सामग्री भी उपलब्ध कराने का इंतजाम किया जा रहा है. चुनाव आयोग और पार्टी के बीच कड़ी के रूप में एक टीम अगल से है.
कांग्रेस : रणनीति के तीन मॉडल
कांग्रेस का वार रूम तीन मॉडल पर काम कर रहा है. इसमें वेब मॉडल, न्यूज पेपर व टीवी के सहारे सभी परिस्थितियों पर नजर रखने के साथ विरोधियों पर हावी होने की तैयारी की गयी है. वेब मॉडल के तहत सोशल मीडिया के सहारे विरोधी नेताओं को ट्रैक किया जा रहा है. कांग्रेस की उपलब्धियों का एप्प के सहारे प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शोध व प्रशिक्षण विभाग इस काम में लगी हुई है. इसकी कमान डॉ प्रदीप चौधरी के हाथ में है.
पार्टी प्रत्याशी के क्षेत्र में बड़े नेताओं की चुनावी सभा की तैयारी से लेकर प्रत्याशी की आवश्यकता का ख्याल रखा जा रहा है.
रालोसपा : आइटी सेल बनाया
रालोसपा के प्रचार अभियान चलाने के लिए वार रूम तैयार कर लिया है. सोशल मीडिया द्वारा चुनाव प्रचार में जगह बनाने के लिए बोरिंग कैनाल रोड स्थित पार्टी कार्यालय में आइटी सेल बनाया गया है. इस सेल की जिम्मेवारी संबंधित विधानसभा क्षेत्र के लोगों को मोबाइल और टेलीफोन नंबर पर वोट मांगने और पार्टी के संदेश को पहुंचाना है.
जदयू : चार वार रूम, सबकी अलग-अलग जवाबदेही
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए जदयू ने चार वार रूम बनाये हैं. प्रशांत किशोर के नेतृत्व में एक वार रूम चल रहा है. वहीं, जदयू के सांसदों व विधान पार्षदों की एक टीम अपने स्तर पर वार रूम संभाल रही है. इसके अलावा पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रवक्ताओं का मीडिया सेल भी वार रूम के रूप में काम कर रहा है, जबकि एक टीम मुख्यमंत्री समेत पार्टी के अन्य नेताओं के विधानसभा वार चुनाव प्रचार के कार्यक्र म तय कर रही है. जदयू के चार वार रूमों में जहां रणनीति बनाई जा रही है, वहीं उस रणनीति को मूर्त रूप देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत पार्टी के सांसद व वरिष्ठ नेता विधानसभा वार चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
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