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मिस्त्री को रॉड से मारा, फिर छत से फेंका

बकाये का विवाद : पटेल नगर में पलंबर मिस्त्री की हत्या, आक्रोशत लोगों ने चार घंटे तक किया जाम व हंगामा पटना : ठेके पर काम कर रहे पलंबर मिस्त्री सुरेश चौधरी (55) की हत्या कर दी गयी. उनके सिर पर पहले रॉड से हमला किया और फिर उसे छत से नीचे फेंक दिया. शास्त्री […]

बकाये का विवाद : पटेल नगर में पलंबर मिस्त्री की हत्या, आक्रोशत लोगों ने चार घंटे तक किया जाम व हंगामा
पटना : ठेके पर काम कर रहे पलंबर मिस्त्री सुरेश चौधरी (55) की हत्या कर दी गयी. उनके सिर पर पहले रॉड से हमला किया और फिर उसे छत से नीचे फेंक दिया. शास्त्री नगर पुलिस की घोर लापरवाही के कारण इलाज के अभाव में मिस्त्री की मौत हो गयी. शव लेकर परिजन बिंदेश्वरी नगर स्थित अपने घर आये और फिर पाटलिपुत्रा में साईं मंदिर के पास सड़क को जाम कर दिया. चार घंटे तक आक्रोशित लोगों ने टायर जला कर जबरदस्त हंगामा व जाम किया. डीएसपी द्वारा दिये गये कार्रवाई के आश्वासन पर मामला शांत हुआ.
सुरेश चौधरी ने पिछले दिनों पटेल नगर स्थित गांधी मूर्ति के पास बीके वर्मा के मकान में 30 हजार रुपये में ठेके पर काम लिया था. सुरेश के साथ काम कर रहे साथी मजदूर भूषण रामचंद्र वंशी ने बताया कि दिन में करीब 11:30 बजे दूसरी मंजिल पर सुरेश काम कर रहा था, जबकि वह खुद नीचे की मंजिल पर काम कर रहा था.
इस दौरान मकान मालिक बीके वर्मा और सुरेश में मजूदरी को लेकर बहस हुई. मकान मालिक काम पूरा होने पर पैसा देने की बात कह रहा था. इसे लेकर विवाद बढ़ गया. इसी दौरान सुरेश के सिर पर रॉड से हमला कर दिया गया और छत से नीचे धक्का दे दिया गया. नीचे मंजिल पर काम कर रहे भूषण के आगे सुरेश छत से गिरा. बाद में उसकी मौत हो गयी.
मकान मालिक दबाव बनाया, तो भेजा अस्पताल
छत से गिरने के बाद करीब आधे घंटे तक सुरेश मिस्त्री के शरीर से खून निकलता रहा, पर मकान मालिक उसे अस्पताल नहीं ले जा रहा था. आसपास के लोगों ने दबाव बनाया, तो वह अपनी गाड़ी के चालक कृष्ण कांत के साथ जख्मी सुरेश को शास्त्री नगर अस्पताल ले गया.
चालक ने सुरेश के बेटे चिंटू का मोबाइल नंबर अस्पताल में नोट करा कर खुद भाग गया. अस्पताल से चिंटू को फोन किया गया, वह अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए आइजीआइएमएस के लिए रेफर कर दिया. वहां करीब 1.30 बजे उनकी मौत हो गयी.
प्राथमिकी में टालमटोल करने पर भड़का आक्रोश
इलाज के दौरान शास्त्रीनगर थाने की दारोगा इंदू कुमारी पहुंची, लेकिन न सुरेश का बयान लिया गया और न ही उसके बेटे चिंटू के बयान को दर्ज किया. मिस्त्री की मौत के बाद घरवाले मकान मालिक बीके वर्मा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे थे, लेकिन दारोगा ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की.
इसी बात पर लोग आक्रोशित हो उठे. घरवाले शव लेकर बिंदेश्वरी नगर आये और सांई मंदिर के पास जाकर जाम कर दिया. अपराह्न तीन बजे सड़क जाम कर किया गया. पुलिस के खिलाफ लोगों ने जम कर नारेबाजी की गयी. जाम सात बजे समाप्त हुआ.
थानेदार सजग रहते, तो बच सकता था सुरेश
शास्त्रीनगर पुलिस ने लापरवाही बरत कर सारा गुस्सा अपने सिर ले लिया. थानेदार ने न तो सीनियर अफसरों को सूचना दी और न ही मामला दर्ज किया.
दरअसल शास्त्रीनगर अस्पताल में इलाज के दौरान सुरेश जीवित था, लेिकन पुलिस ने उसका बयान नहीं लिया. मृतक का बेटा चिंटू ने बताया कि पुलिस सहयोग की होती, तो उनके पिता बच सकते थे, पर ऐसा नहीं हुआ. लाख कहने पर भी एफआइआर तक नहीं ली गयी. हंगामा कर रहे लोगों ने पुलिस पर पैसा लेने का आरोप लगाया है. वहीं आक्रोशित भीड़ को शांत करने में पुलिस को पसीना छूट गया.
डीएसपी ने दिया थानेदार पर कार्रवाई का आश्वासन
हंगामे के दौरान डीएसपी लॉ एंड ऑडर्र डॉ मोहम्मद शिब्ली नोमानी मौके पर पहुंचे. वहां परिजनों से वार्ता की. तत्काल सुरेश के बेटे चिंटू का बयान लिया गया और पाटलिपुत्रा थाने में जीरो नंबर पर एफआइआर करके शास्त्रीनगर थाने को भेज दिया गया. उसमें मकान मालिक पर हत्या का आरोप लगाया गया है.
डीएसपी ने लोगों का आश्वासन दिया है कि शास्त्रीनगर थानेदार के खिलाफ जांच की जायेगी. दोषी पाये जाने पर कार्रवाई के लिए एसएसपी को रिपोर्ट दी जायेगी. इसके अलावा जरूरी मुआवजा भी दिलाने का आश्वासन दिया गया. तब जाकर जाम समाप्त हुआ.

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