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कांग्रेस, राजद और जदयू के बाद अब अपनी पार्टी से लड़ेंगे मांझी
मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र अब सुरक्षित सीट है. पूर्व मंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह और रामजतन सिन्हा भी यहां से जीतते रहे हैं. वाणावर के अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित होने के बाद से यह सूबे के लिए खास सीट समझी जाती है. बिहार की महत्वपूर्ण सीटों में से एक मखुदमपुर में कांग्रेस के बाद […]
मखदुमपुर विधानसभा क्षेत्र अब सुरक्षित सीट है. पूर्व मंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह और रामजतन सिन्हा भी यहां से जीतते रहे हैं. वाणावर के अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित होने के बाद से यह सूबे के लिए खास सीट समझी जाती है. बिहार की महत्वपूर्ण सीटों में से एक मखुदमपुर में कांग्रेस के बाद राजद की धमक भी विगत तीन चुनावों में गूंजी. हालांकि 2010 के चुनाव में यह सीट सुरक्षित हो गयी. जिसके बाद एनडीए समर्थित उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े जीतन राम मांझी की जीत हुई.
बदल गया है समीकरण
पिछली दफा जदयू के टिकट पर जीते मांझी के लिए इस बार जदयू ही सबसे बड़ी बाधा है. एनडीए से जदयू के हटने और महागंठबंधन बनने के बाद बने
नये समीकरणों ने दोनों के सामने नयी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. दोनों गंठबंधनों में कोई किसी से कम नहीं है. यादव, दांगी, मुसलिम और कुशवाहा का वोट एकमुश्त महागंठबंधन के साथ दिख रहा. वहीं सवर्णो, मांझी, वैश्य और दलितों का वोट एनडीए के खाते में जाने की उम्मीद है.
राजनीतिक तापमान चढ़ा
एनडीए में सीट बंटवारा होने के बाद मखदुमपुर सीट हम के खाते में गयी है. मांझी की टक्कर महागंठबंधन के सूबेदार दास से होगी.
इस विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की है. हालांकि, इस इलाके में सिंचाई परियोजना उदेरास्थान के रूप में आकार ले चुकी है. लेकिन, इसका लाभ स्थानीय किसानों को नहीं मिल रहा है. नहरों, ट्यूबवेल और दूसरे संसाधनों की कमी के कारण इलाके के किसान खेती-बारी से किनारा कर रहे हैं. किसानी पर संकट के कारण कई गांव पलायन से खाली हो गये हैं.
कब-कौन जीता, हारा
वर्ष जीते हारे
2010 जीतन राम मांझी,जदयू धर्मराज पासवान, राजद
2005-अक्तूबर कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, राजद रामाश्रय प्रसाद सिंह, जदयू
2005-फरवरी रामाश्रय प्र. सिंह, लोजपा बागी कुमार वर्मा, राजद
2000 बागी कुमार वर्मा, जनता दल राम जतन सिन्हा, कांग्रेस
1995 बागी कुमार वर्मा, जनता दल राम जतन सिन्हा, कांग्रेस
1990 राम जतन सिन्हा, कांग्रेस अनल कुमार, जनता दल
किस दल को मिले कितना वोट
विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव 2014
पार्टी 2010 2005 पार्टी वोट
राजद 33378 32252 राजद 47087
जेडीयू 38463 23628 रालोसपा 50907
कांग्रेस 4623 .. जदयू 13907
सरक -सरक कर चलती हैं गाड़ियां
मखदुमपुर में सबसे बड़ी समस्या रोजाना लगने वाली जाम की है. मुख्यालय में महज दो लेन में सिमटी हुई एनएच 83 के दोनों ओर इस कदर मकान-दुकान बने हैं कि गाड़ियों का चलना तो दूर पैदल चलनेवाले राहगीरों को भी सरक-सरक कर आगे बढ़ना पड़ता है. जाम से छुटकारे की यहां कोई ठोस पहल नहीं हुई.
स्टेशन से पाइबिगहा मोड़ तक सुबह से शाम तक रेंग-रेंग कर गाड़ियां चलती हैं. घंटों जाम में फंसे रहने से बेदम हुए लोग ट्रैफिक चेक पोस्ट और पाíकंग की सुविधा चाहते हैं.
मखदुमपुर सीट पर 2,21309 वोटर अपना प्रतिनिधि चुनेंगे. इनमें 1,17330 पुरुष मतदाता हैं और 1,03976 महिला वोटर हैं.
वाणावर का हुआ विकास
अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हुये वाणवर की वादियां गुलजार हैं. हर वर्ष यहां वाणावर महोत्सव की धूम के साथ-साथ श्रवणी मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है. नक्सलियों का सेफ जोन रहे वाणावर में पर्यटक थाना, रोपवे निर्माण की मंजूरी, सुल्तानपुर में पुल का निर्माण होने से राजगीर का रास्ता सुगम होगा.
पर्यटक भवन की स्थापना, विशुनगंज और धरनई में पुलिस ओपी का निर्माण साथ ही वाणावर इलाके में चल रहे अवैध क्रेशरों पर पाबंदी लगी. मखदुमपुर क्षेत्र में कई बांध का निर्माण कराया गया जिससे सिचाई की सुविधा किसानों को मिलने लगी. खेल को प्रोत्साहन देने के लिए कई स्टेडियमों का निर्माण किया गया.
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