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गरीब व पिछड़ों को दबाना चाहता है संघ : नीतीश
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण पर बयानबाजी को लेकर आरएसएस और भाजपा पर जम कर निशाना साधा है. जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अभी बिहार में चुनाव है, इसलिए भाजपा इससे डिनॉय मोड में है, लेकिन चुनाव के बाद वे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के विचार […]
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण पर बयानबाजी को लेकर आरएसएस और भाजपा पर जम कर निशाना साधा है. जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अभी बिहार में चुनाव है, इसलिए भाजपा इससे डिनॉय मोड में है, लेकिन चुनाव के बाद वे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के विचार को मानेंगे. भाजपा की क्या औकात कि वह आरएसएस की बात को नहीं मानेगी. भाजपा आरएसएस का राजनीतिक संगठन है.
भाजपा करेगी सब आरएसएस की नीति पर, लेकिन उससे डिनॉय करेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज हैं, कल नहीं रहेंगे. बिहार चुनाव में हारने के बाद उन्हें हटा दिया जायेगा. आरएसएस व भाजपा का अंदर-बाहर में फर्क है, लेकिन शिवसेना का अंदर और बाहर एक समान है, जो समय-समय पर झलकता रहता है. भाजपा का अंदर कुछ और बाहर कुछ और है. वे लोगों को झांसा में रखना चाहते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएसएस प्रमुख कहते हैं कि आरक्षण को एक समयसीमा के लिए तय किया गया था, लेकिन इसे बाद भी यह सिर्फ राजनीति के लिए चल रहा है. वे चाहते हैं कि इसके लिए संसद और सरकार के इतर कुछ लोगों की एक एलिट कमेटी बन जाये और किन्हें आरक्षण मिलना चाहिए व कब तक मिलना चाहिए, यह कमेटी ही तय करती रहेगी. क्या यह सही है? आरक्षण के लिए जब संविधान में व्यवस्था की गयी थी, तो उस समय समाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े को इसका लाभ दिया जाना था. वह दिया जा रहा है. नीतीश कुमार ने कहा कि आरएसएस प्रमुख का विचार खतरनाक है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
वंचित तबके को मुख्य धारा से जोड़ने की संविधान में की गयी विशेष व्यवस्था को वे खत्म करना चाहते हैं. केंद्र में भाजपा की सरकार है. भाजपा के लोग बार-बार कहते हैं कि वे स्वयंसेवक हैं और इसमें उन्हें नाज है. पिछले दिनों आरएसएस का तीन दिन का शिविर चला. इसमें सभी ने हाजिरी लगायी. आरएसएस के सामने किसी मंत्री, नेता का कुछ नहीं चलता है. इससे भाजपा का चेहरा सब के सामने है. समाज के गरीब-गुरबों और वंचित तबकों के बीच डर पैदा करना चाहते हैं. गरीबों को जो हक मिला है, उस पर कुठाराघात करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण तभी हट सकता है, जब उनके हाथ में पूरी ताकत आ जाये, सामाजिक-राजनीतिक को ध्वस्त कर तानाशाही रूप से किया जा सकता है.
आज संविधान की मूल अवधारणा के खिलाफ वही लोग बोल रहे हैं, जिनका आजादी की लड़ाई से कोई योगदान नहीं है. मोहन भागवत के बयान का कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी द्वारा समर्थन करने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि आरएसएस प्रमुख की हैसियत की तुलना कांग्रेस के एक प्रवक्ता से की जायेगी. जब कांग्रेस अध्यक्ष ने कुछ नहीं कहा, तो वह पार्टी का बयान कैसे हो सकता है. मुख्यमंत्री ने राजस्थान में संविधान के इतर किये जा रहे कामों का भी जिक्र किया.
सोची-समझी रणनीति के तहत बिहार को दिखाया जा रहा नीचा : मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार विकास पर क्या बात करेगी. वे तो बिहार को नीचा दिखाने का काम कर रही है. जो आंकड़े दिखाये जा रहे हैं, वे बनाये हुए आंकड़े हैं. पारदर्शिता का पालन नहीं किया गया है. बिहार के विकास पर चुनौती दे रहे हैं. इज इन विंग बिजनेस के आधार पर आंकड़ों की हेरा-फेरी कर बिहार को सोची-समझी रणनीति के तहत नीचा दिखाया जा रहा है. इसके लिए भी मुख्यमंत्री केंद्र को पत्र भेजने जा रहे हैं.
पत्र के जरिये केंद्रीय वित्त मंत्री को फिर देंगे जवाब
मुख्यमंत्री एक बार फिर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के पत्र का जवाब पत्र के जरिये देंगे. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री को मैंने जो पत्र लिखा था, उसका उन्होंने उत्तर दिया है, लेकिन हमें पत्र मिलने से पहले वह समाचार माध्यमों से सामने आ गया. उन्होंने जो उत्तर दिया है, उसमें कोई दम नहीं है. उसके लिए उत्तर तैयार किया जा रहा है और फिर एक पत्र उन्हें भेजा जा रहा है. नीतीश कुमार ने कहा कि आरएसएस व भाजपा के थिंक टैंक ने बिहार की एक हास्यास्पद रिपोर्ट जारी की है. अपनी सुविधा के अनुसार आंकड़े उठा लिये गये हैं. कट एंड पेस्ट कर लिया है गया है. उसका भी वे बिंदुवार रिपोर्ट जारी करेंगे.
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