पटना : महागंठबंधन में सीटों का चयन नहीं होने से कांग्रेसी उदास हैं. टिकट की चाह लेकर दल बल के साथ् राजधानी आये कांग्रेस के नेता कभी सदाकत आश्रम तो कभी लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के आवास पर बाहर चकक्र काटते उनके दिन कट रहे हैं.
सदाकत आश्रम में दिन भर नेताओं के बीच चर्चा होती रही़ सदाकत आश्रम में आनेवाले नेता व कार्यकर्ता इस बात को लेकर मशगूल रहे कि अभी तक सीटों के चयन को लेकर निर्णय नहीं हो सका है़
ऐसे में यह साफ नहीं हो पा रहा है कि कौन पार्टी कहां से लड़ेगी़ कांग्रेस नेता सीटों का चयन नहीं होने से यह अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं कि कौन नेता कहां से लड़ेंगे़ इधर टिकट की उम्मीद पाल रखे वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामदेव राय ने पार्टी से हर हाल में कांग्रेस की गढ़ कही जानेवाली बछबाड़ा सीट को अपने पास रखे जाने की बात कही है़
उन्होंने कहा कि महागंठबंधन द्वारा सीट के चयन में कांग्रेस को वह सीट मिलनी चाहिए़ जहां पर उसके उम्मीदवार जीत सकते है़ चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी अगर चाहेगी तो वह चुनाव लड़ेंगे़ पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिये जाने के सवाल पर कहा कि ऐसा दिन नहीं आये कि अपने पार्टी के खिलाफ विरोध करना पड़ा़ इससे मौत अच्छा हो़ महागंठबंधन में सीटों के चयनको लेकर रोज समय बढ़ता जा रहा है़ सीटों के चयन का निर्णय महागंठबंधन के तीनों दल जदयू, राजद व कांग्रेस को मिल कर करना है़
तीनों दल के प्रदेश अध्यक्ष आपसी सहमति से सीटों का बंटवारा करेंगे़ लेकिन अभी तक अंतिम रूप से सीट तय नहीं हो पाया है़ सब अपने-अपने तरह से इसका कयास लगाने में भिड़े रहे कि महागंठबंधन दलों का कहां-कहां दावा बन सकता है़ कांग्रेस ने महागंठबंधन के समक्ष 72 सीट का दावा ठोंका है़
कांग्रेस द्वारा सुझाये गये सीट में वह 40 सीट मांग रही है कि ताकि उसके लिए फायदेमंद रहे़ पहले चरण में दस जिले में 12 अक्तूबर को चुनाव होना है़ भागलपुर जिले में भागलपुर व कहलगांव से पार्टी के दो विधायक है़ इसके अलावा समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा व नवादा जिले में एक-एक सीट पर लड़ने का मन बनाया है़
जानकारों का कहना है चुनाव लड़ने का मन बना चुके कांग्रेसी नेता कभी प्रदेश अध्यक्ष से मिल कर सीट के बारे में पूछ रहे हैं तो कभी महागंठबंधन के निर्णय पर आस लगाये बैठे है़