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कोई भविष्य की चिंता नहीं करता: शेखर
पटना : अभिनेता शेखर सुमन ने कहा है कि कोई भविष्य कर चिंता नहीं करता, पिछे मुड़ कर देखता है़ इतिहास के प्रति नतमस्त होता हे़ पर, आगे इतिहास क्या बनाने वाले है यह नहीं बताते हैं. यहां राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी है़ इसका प्रभाव राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास पर पड़ता है़ बिहार […]
पटना : अभिनेता शेखर सुमन ने कहा है कि कोई भविष्य कर चिंता नहीं करता, पिछे मुड़ कर देखता है़ इतिहास के प्रति नतमस्त होता हे़ पर, आगे इतिहास क्या बनाने वाले है यह नहीं बताते हैं. यहां राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी है़ इसका प्रभाव राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास पर पड़ता है़ बिहार में पोस्टरों और जुमलों की लड़ाई है़ यहां तो जुमलों के तहत जुमलों की लड़ाई है़
बिहार कैसे अगली श्रेणी के राज्यों में आयेगा संबंधी प्रश्न के जवाब में वरिष्ठ पत्रकार और सांसद हरिवंश ने कहा कि राज्य को इसके लिए एक विश्वनीय नेतृत्व चाहिए़ जो बेदाग हो, जो पांच-दस साल आगे को सोंचे़ जब कल्पना शक्ति और दूरदर्शिता होगी तो निराशा दूर होगी ही़ उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में बिहार में विधि व्यवस्स्था में सुधार हुआ़ कानून का राज कायम हुआ़
गांवों तक स्कूल, अस्पताल स्स्थापित हुए़ लोगों में सरकार के होने का एहसास हुआ़ उन्होंने कहा कि राज्य में संस्थाओं का होना , महिलाओं को हक देना और सामाजिक सौहार्द का होना बुनियादी काम है़ सीमांचल के पिछड़ेपन संबंधी प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि पूर्णिया में साइलेंट रिवोल्यूशन हुआ है़ वहां हाल के दिनों में 250 करोड़ का बाजार तैयार हो गया़
अब इस क्षेत्र से 550 रैक मक्का का निर्यात होता है़ 2013 में बिहार को लेकर आये रिपोर्ट की चरचा करते हुए उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया था कि बिहार देश को कैसे आगे ले गया है़ उस वकत बिहार का विकास दर देश के विकास दर से अधिक था़ बिहार के पिछड़ेपन के लिए 1967 के बाद लगातार राजनीतिक अस्स्थिरता को कारण बताते हुए कहा कि गुजरात व्यवसाय के मामने में पूर्व से ही अग्रणी है़
उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार का विकास खेती के रास्ता होगा़ इसके लिए नीतीश कुमार ने कृषि रोड मैप लाया़ उन्होंने कहा कि वे अतित का उल्लेख जानबूझकर करते हैं. इससे ताकत मिलती है. 1935 में देश के कुल एफआरसीएस का आधा बिहार में था़ आज वीसी की नियुक्ति पैरवी से हो रही है़ जाति के आधार पर विव में टॉप करने लगा़
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