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थमने लगा बागमती कमला व अधवारा का उफान
पटना. पिछले तीन दिनों से बिहार के किसान बारिश की बूंदों के लिए तरस गये. बारिश न होने के कारण महानंदा, कमला बलान, अधवारा और बागमती में आया उफान भी थम गया है. मंगलवार को सिर्फ समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक, खगडि़या में कोसी और पूर्णिया में महानंदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. […]
पटना. पिछले तीन दिनों से बिहार के किसान बारिश की बूंदों के लिए तरस गये. बारिश न होने के कारण महानंदा, कमला बलान, अधवारा और बागमती में आया उफान भी थम गया है. मंगलवार को सिर्फ समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक, खगडि़या में कोसी और पूर्णिया में महानंदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी.
समस्तीपुर के रोसड़ा में बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से मात्र नौ सेमी, खगड़िया के बलतारा में कोसी 78 और पूर्णिया के ढ़ेंगराय घाट में महानंदा 26 सेमी ऊपर बह रही है. केंद्रीय जल आयोग ने जल स्तर में 24 घंटें में और कमी होने की संभावना जतायी है.
कटिहार के झावा में महानंदा खतरे के निशान से पांच, मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में बागमती 25 और दरभंगा में कलमा-बलान 30 तथा अधवारा 25 सेंटी मीटर नीचे बह रही है.
दो दिन पहले तक चारों नदियां खतरे के निशान से 50 से 90 सेंटी मीटर ऊपर बह रही थी. दो दिनों से बिहार में बारिश की रफ्तार भी थम सी गयी है. मंगलवार को ले-दे-कर सुपौल और मुजफ्फरपुर में बारिश की बूंदे टपकी है. दोनों जिलों में 3.2 और 2.2 मिली मीटर बारिश हुई है.
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