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बैंक, बीमा, पोस्टल व रेल सेवा बाधित

असर : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की आम हड़ताल का दिखा व्यापक प्रभाव, कार्यालयों में लटके रहे ताले पटना : सेंट्रल ट्रेड यूनियन व अखिल भारतीय केंद्रीय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर बुधवार को हुई एक दिवसीय आम हड़ताल का असर पटना समेत पूरे प्रदेश में साफ दिखा. पटना, हाजीपुर, बिहारशरीफ, छपरा, सीवान, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी […]

असर : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की आम हड़ताल का दिखा व्यापक प्रभाव, कार्यालयों में लटके रहे ताले

पटना : सेंट्रल ट्रेड यूनियन व अखिल भारतीय केंद्रीय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर बुधवार को हुई एक दिवसीय आम हड़ताल का असर पटना समेत पूरे प्रदेश में साफ दिखा. पटना, हाजीपुर, बिहारशरीफ, छपरा, सीवान, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी समेत कई जिलों में हड़ताल का व्यापक असर दिखा.

बैंक, बीमा, आरबीआइ, पोस्टल, बीएसएनएल, सीडीए, एनएसएसओ, एजी कार्यालय, राज्य सरकार के ब्लॉक व जिला मुख्यालय समेत अन्य कार्यालयों में सुबह से ही ताले लटके रहे. काम पूरी तरह से ठप रहा. कार्यालय के सामने बैनर लगा कर्मचारियों ने जम कर केंद्र विरोधी नारे लगाये.

अधिकारियों को नहीं घुसने दिया

सचिवालय में भी हड़ताल का आंशिक असर रहा. सही से कोई भी काम नहीं हुआ. कई कार्यालयों में अधिकारियों को घुसने तक नहीं दिया गया. बीएसएनएल के संचार सदन सहित पोस्टल के जीपीओ, बांकीपुर प्रधान डाकघर समेत उप डाकघरों में काम बाधित रहा. काम नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हुई. यही नहीं, हड़ताल के कारण कई जगहों पर रेल सेवा भी बाधित रही.

प्रदेश से 10 लाख कर्मी हुए शामिल

हड़ताल में प्रदेश के 10 लाख से अधिक लोग शामिल हुए. इसमें संगठित क्षेत्र के छह लाख कर्मचारी व असंगठित क्षेत्र के चार लाख लोग शामिल हुए. को-ऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ ट्रेड यूनियन एंड एसोसियेशन्स, बिहार के संयोजक मंजुल कुमार दास व सह संयोजक बी प्रसाद, केंद्रीय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सीडी सिंह व महासचिव अरुण पांडेय, इनकम टैक्स गैजेटेड ऑफिसर्स एसोसियेशन के महामंत्री हिमांशु कुमार ने कहा कि हड़ताल पूरी तरह से सफल रही.

ये हैं मांगें

मांगों में महंगाई पर रोक, जीवनोपयोगी वस्तुओं की कीमतें घटाने, 15,000 रुपये न्यूनतम मजदूरी करने, श्रम कानूनों में मजदूर विरोध संशोधन बंद करने, ठेका मजदूरी प्रथा बंद करने, नियमित बहाली करने, सबों का पेंशन व सामाजिक सुरक्षा देने, समान काम का समान वेतन सहित कुल 12 मांगें शामिल हैं.

बस व ऑटो संगठनों का दिखा मिला-जुला असर

ऑटो और बस संगठनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर एकमत नहीं होने के कारण राजधानी में ज्यादा असर नहीं हुआ.

परिवहन सुरक्षा विधेयक को वापस लेने और राजधानी में ऑटो को परमिट देने की मांग को लेकर बुधवार को बंद का मिला-जुला असर देखा गया. टेंपो स्टैंड को छोड़ कर सभी सड़क पर टेंपो नियमित रूप से चले. बंद समर्थकों द्वारा दानापुर और रेलवे स्टेशन गोलंबर को छोड़ कर कहीं भी टेंपो चालकों को परेशान नहीं किया गया़ ऑफिस वक्त में लोगों का दबाव बढ़ा, तो आने-जाने में थोड़ी परेशानी हुई. बस स्टैंड से लेकर हर टेंपो स्टैंड में दिन भर गाड़ियां आती-जाती रहीं.

ऑटो मेंस यूनियन, ट्रांसपोर्ट फेडरेशन आदि ने हड़ताल से किनारा किया. दानापुर व गांधी मैदान रूट पर ऑटो चलने में थोड़ी ज्यादा परेशानी हुई. इधर, पटना सिटी में भी आम हड़ताल का मिला-जुला असर दिखा. बिहार स्टेट ऑटो रिक्शा चालक संघ से जुड़े ऑटोचालकों ने जुलूस निकाला और ऑटो का परिचालन बंद रखा. वहीं, बाढ़, फतुहा व मसौढ़ी में बंद सफल रहा. समर्थकों ने

नहीं खुले बैंक-बीमा कंपनियों के ताले

सरकारी बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड, कॉपरेटिव बैंक, ग्रामीण बैंक, एलआइसी समेत साधारण बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस, आेरियेंटल, यूनाइटेड इंडिया, न्यू इंडिया के कार्यालयों में काम ठप रहे.

सुबह से ही ताले लटके रहे. लोगों को बैंक के जरूरी काम टालने पड़े. उधर एसबीआइ के कर्मी हड़ताल में शामिल नहीं थे. इस कारण लोगों को थोड़ी राहत मिली. हड़ताल में बिहार के 60,000 बैंककर्मी शामिल रहे.

भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने ट्रेड यूनियनों की दो सितंबर की हड़ताल को शत-प्रतिशत सफल करार दिया है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की कॉरपोरेट परस्ती और मजदूर विरोधी नीतियों को हड़ताल ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह देश के किसानों ने मोदी के भूमि अधिग्रहण बिल को पंक्चर कर दिया, उसी तरह केंद्र सरकार को अपनी कॉरपोरेट परस्ती और मजदूर विरोधी नीतियों को भी वापस लेना होगा.

उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार का कृषि योग्य जमीन पर पूंजी का हमला अब भी जारी है, इसके खिलाफ लगातार संघर्ष जारी रहेगा. इधर, वाम छात्र संगठनों ने बुधवार को पटना विवि में क्लास को बंद कराया. शिक्षा के केन्द्रीकरण, सांप्रदायीकरण व व्यावसायीकरण पर रोक को लेकर प्रदर्शन किया. पटना विवि के कॉलेजों में व्यापक प्रभाव रहा.

मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो और तेज करेंगे आंदोलन

बुधवार को आहूत आम हड़ताल पर विभिन्न संगठनों ने एक सुर में कहा है कि अगर हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जायेगा.

आम हड़ताल पूरी तरह से सफल रहा. राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस, इंटक के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसियेशन के वरीय उपाध्यक्ष डॉ कुमार अरविंद, द बिहार स्टेट इलाहाबाद बैंक इंप्लाइज एसोसियेशन के महासचिव सिद्धार्थ घोषाल, ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस, एक्टू के राज्य सचिव रणविजय कुमार ने कहा कि सैकड़ों मजदूरों ने कहा कि आत हड़ताल पूरी तरह से सफल रहा.संयुक्त डाक संघर्ष समिति, बिहार सर्किल बीके मिश्रा ने कहा कि पूरे बिहार में डाकघरों में ताले लटके रहे. डाक आरएमएस में पड़े रहे. मेल मोटर सेवा भी बुरी तरह प्रभावित रही. इंश्योरेंस इंप्लायज एसोसियेशन, पटना डिवीजन के महासचिव ओम प्रकाश ने कहा कि मांगेंं नहीं मानी गयी, तो आंदोलन तेज किया जायेगा.

भारत जन पहल मंच, बिहार इकाई के कॉर्डिनेटर श्रीकांत शर्मा व बीड़ी मजदूर यूनियन की सचिव कमली ने कहा कि संगठन नीति का विरोध करता है. वैंकोस कर्मचारी यूनियन के महासचिव शिवनाथ प्रसाद ने कहा कि हड़ताल में उद्योगों में कार्यरत मजदूरों ने कार्य बहिष्कार कर दिया. साथ ही सड़कों पर उतर जुलूस निकाला.

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