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संघ की आरक्षण संबंधी नीति सामाजिक न्याय के खिलाफ : त्यागी
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आरक्षण का विरोधी है. हाल ही में आरएसएस के एमजी वैद्य ने जाति आधारित आरक्षण को समाप्त करने की वकालत की है. संघ का यह प्रयास पिछड़ों व दलित समूहों के अधिकारों का निश्चित रूप से हनन है जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आरक्षण का विरोधी है. हाल ही में आरएसएस के एमजी वैद्य ने जाति आधारित आरक्षण को समाप्त करने की वकालत की है. संघ का यह प्रयास पिछड़ों व दलित समूहों के अधिकारों का निश्चित रूप से हनन है
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी संघ की ऐसी सोच और प्रयासों की कड़े शब्दों में निंदा करती है. भारतीय संविधान में आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े वर्ग समूहों को आरक्षण प्रदान करने की व्यवस्था है इसके साथ किसी भी तरह का छेड़छाड़ सामाजिक व्यवस्था के साथ अन्याय होगा.
वर्तमान में एनडीए में शामिल दलों के नेता राम विलास पासवान, उपेंद्र कुशवाहा तथा जीतन राम मांझी अतीत में जनता दल में रहते हुए जाति आधारित आरक्षण की मांग के साथ ही इसे मजबूत किये जाने की बात करते आये हैं. इनकी राजनीतिक धुरी ही सामाजिक न्याय रही है. चूंकि वर्तमान सरकार में आरएसएस ही नीति निर्धारक है, घटक दलों को निर्देश का पालन करना पड़ रहा है.
सत्ता का मोह इन नेताओं को इतना अवसरवादी बना देगा, इसकी कल्पना भी नहीं थी. बिहार चुनाव के महागंठबंधन की मजबूती ने ही संघ विचारक को इस प्रकार का वक्तव्य देने को विवश किया है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी सामाजिक न्याय के तथाकथित नेताओं से मांग करती है कि आरएसएस विचारक के आरक्षण विरोधी बयानों की निंदा करें.
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