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पटना के कई स्कूलों में कारपोरल पनिशमेंट से परेशान हैं स्टूडेंट्स, कॉलर पकड़ पीटते हैं गुरुजी

पटना: इन दिनों स्कूलों में कारपोरल पनिशमेंट का मामला बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह से बच्चे पिटाई के डर से स्कूल जाना नहीं चाह रहे है. कई स्कूलों में तो आज भी टीचर बच्चों के मारने के लिए छड़ी रखते हैं. बोर्ड की मनाही के बाद भी कारपोरेल पनिशमेंट के मामले कम नहीं हो […]

पटना: इन दिनों स्कूलों में कारपोरल पनिशमेंट का मामला बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह से बच्चे पिटाई के डर से स्कूल जाना नहीं चाह रहे है. कई स्कूलों में तो आज भी टीचर बच्चों के मारने के लिए छड़ी रखते हैं. बोर्ड की मनाही के बाद भी कारपोरेल पनिशमेंट के मामले कम नहीं हो रहे हैं. इसे लेकर अभिभावक अपनी शिकायतों को लेकर बोर्ड पहुंच रहे हैं.
हर साल जारी होती है गाइड लाइन
गौरतलब है कि सीबीएसइ और आइसीएसइ की ओर से हर साल सेशन की शुरुआत में कारपोरल पनिशमेंट को लेकर गाइड लाइन जारी की जाती है. इसके बावजूद स्टूडेंट के साथ मारपीट की घटनाएं होती हैं. प्राइमरी के बच्चों के साथ अधिक मारपीट की घटनाएं स्कूल में होती हैं.
आइसीएसइ ने भी दे रखा है निर्देश
आइसीएसइ की ओर से स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि अगर किसी बच्चे को टीचर सजा दे रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में बच्चे से खुल कर बोलने की सलाह दें. कई बार टीचर बच्चे को डरा-धमका कर चुप रहने का दबाव देते हैं. ऐसे में बच्चे स्कूल जाने से कतराते हैं. ऐसे बच्चों पर स्कूल मैनेजमेंट पूरा ध्यान रखेगा.
हर तीन में से दो स्कूलों में सजा
चिल्ड्रेन एब्यूज इन इंडिया 2007 के अनुसार देश भर में हर तीन में से दो स्कूलों में सजा दी जाती है. कारपोरल पनिशमेंट में प्राइमरी व उच्च कक्षा के स्टूडेंट्स अधिक शामिल हैं. छह राज्यों में किये गये एक सर्वे के अनुसार जाति के अनुसार भी बच्चों को शारीरिक सजा दी जाती है.
केस : 1
रोहित (बदला हुआ नाम) डीएवी में 7 वीं कक्षा में पढ़ता है. रूटीन की किताब नहीं लाने के कारण टीचर ने रोहित का काॅलर पकड़ कर दो चार थप्पड़ लगा दिया. इससे रोहित के कान में दर्द होने लगा. शर्ट भी फट गयी. इससे रोहित काफी डर गया है. अभिभावक ने सीबीएसइ से इसकी शिकायत की है.
केस : 2
सीमा (बदला हुआ नाम) कक्षा 6ठी की स्टूडेंट है. वह डॉन बास्को एकेडमी में पढ़ती है. होम वर्क नहीं करने के कारण एक टीचर से सीमा को छड़ी से पिटाई कर दी. इससे सीमा को बुखार हो गया. कई दिनों तक वह स्कूल नहीं जा पायी. अब अभिभावक आइसीएसइ के पास शिकायत करने की सोच रहे हैं.
निर्देश. सीबीएसइ गाइड लाइन
स्कूल में किसी तरह की सजा नहीं दी जा सकती है
गाली, डांट, फटकार भी कारपोरल पनिशमेंट में आते हैं
थप्पर लगाना, बाल खींचना आदि पर पूरी तरह से पाबंदी है
स्टूडेंट को आंख दिखाने पर शिक्षकों पर कार्रवाई का प्रावधान
स्टूडेंट को प्यार से समझा कर ठीक किया जाये
कार्रवाई. छात्रों को दी जाती सजा
क्लास से कर दिया जाता बाहर
छड़ी से की जाती है पिटाई
बाल खींच कर कक्षा से किया जाता बाहर
बेंच पर कर दिया जाता है खड़ा
Àकाॅलर पकड़ कर की जाती है पिटाई
Àकभी-कभी तो छात्रों को देते हैं गाली
प्रताड़ना. ये हैं कारपोरल पनिशमेंट
शारीरिक प्रताड़ना
मानसिक प्रताड़ना
बेइज्जती करना
दबाव डालना
आर्थिक दंड
शैक्षिणिक प्रताड़ना
कर्तव्य. स्कूल मैनेजमेंट का रोल
हर टीचर को शिक्षा के अधिकार की जानकारी हो
बोर्ड की गाइड लाइन हर स्कूल स्टाफ समझे
बच्चों के साथ स्कूल मैनेजमेंट का व्यवहार फ्रेंडली हो
जेंडर, जाति, वर्ग, अपंगता आदि के नाम पर बच्चों को नहीं मिले सजा
बच्चों पर किसी भी स्थिति में दबाव नहीं डाला जा सकता है
डरा, धमका, बेइज्जती कर बच्चों से नहीं लिया जा सकता काम
अब शिक्षकों की खैर नहीं : काउंसिल फॉर दी इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (आइसीएसइ) ने कारपोरल पनिशमेंट पर कड़ा फैसला लिया है. स्कूलों को निर्देश दिया है कि इसकी शिकायत आने पर वहां के टीचर को तीन साल तक स्कूल से बाहर किया जा सकता है.

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