।।संवाददाता।।
सोन नदी में गुरुवार की सुबह 17 महिला मजदूरों ले जा रही नाव पलट गयी. इस घटना में पांच महिला मजदूरों की नदी में डूबने से मौत हो गयी. नाविकों ने सात महिलाओं को नदी में डूबने से बचाया, जिनमें दो की मौत इलाज के जबकि पांच महिलाएं अब भी लापता बतायी जा रही हैं.
नाविकों तीन महिलाएं एनएमसीएच जमूहार जब कि एक का इलाज अनुमंडल अस्पातल में चल रहा है. घटना के विरोध में उत्तेजित लोगों ने एनएच टू सी को निरंजन बिगहा गांव के समीप घंटों सड़क जाम कर विरोध जताया.तथा प्रशासन से लापता लोगों की तलाश करने की मांग कर रहे थे.
अभी भी कई महिला मजदूर लापता है.जिन्हें खोजने के लिये गोताखोर लगे हुए है. इस सब के बीच डीएम संदीप कुमार ने मृतकों के परिजनों को चार चार लाख रुपये मुआवजे व सरकारी खर्च से बचाये गये लोगों की इलाज की घोषणा की.घटना के संबंध में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शहर के शिवगंज और निरंजन बिगहा मुहल्ले के महिला मजदूरों का समूह सोन नदी के बीच में बने टीले पर खेती का कार्य करने जा रहा था. इसी बीच एसपी कोठी के पीछे तेज धारा मे नाव असंतुलित हो कर पलट गया. नाव का सवार सभी लोग पानी में डूब गये. नाविकों के अथक प्रयास से पांच मजदूर महिलाओं को डूबने से बचा लिया गया.जबकि पांच महिलाएं अभी भी लापता है.
घटनास्थल पर एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच कर महिला मजदूरों की खोज में जुट गयी है. अनुमंडल अस्पताल में डूबने से बची महिलाओं को लाते ही अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. लोगों ने यह आरोप लगाया कि अस्पताल में न ऑक्सीजन की व्यवस्था थी और न ही समुचित संख्या में चिकित्सक मौजूद थे.लोगों का यह भी कहना है कि ऑक्सीजन के नहीं रहने से दो मजदूर महिला की मौत अनुमंडलीय अस्पताल में हो गया.
अगर ऑक्सीजन सलेन्डर रहता और समुचित संख्या में डॉक्टर होते तो उक्त दोनो महिलाओं की जान बचायी जा सकती थी. उधर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उस समय ओपीडी में एक डॉक्टर कार्यरत थे. जिनके द्वारा वहां लायी गयी महिलाओं का प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिये बाहर भेज दिया गया. सूत्र बताते हैं कि अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं देख लोगों के दबाव में आनन फानन में सभी महिलाओं को एंबुलेंस द्वारा जमुहार स्थित एनएमसीएच में इलाज के लिये ले जाया गया. अस्पताल में पहुंची स्थानीय विधायक ज्योति रश्मि जोशी, पूर्व विधायक प्रदीप कुमार जोशी, सत्यनारायण यादव, नगर पर्षद के चेयरमैन शंभु राम आदि ने प्रशासन से उचित इलाज एवं मुआवजा की मांग की जिस पर अस्पताल पहुंच कर डीएम ने मुआवजा एवं इलाज की स्वयं घोषणा की.
डीएम के अस्पताल पहुंचने के पहले गुस्साए लोगों ने एसडीएम पंकज पटेल का घेराव कर अस्पताल की कुव्यवस्था के लिये दोषी लेागों पर कार्रवाई करने की मांग की. इस पर एसडीएम ने जांच कर कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया.