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पाइप के सहारे गांव में मिलेगा स्वच्छ पानी
अगले साल तक पूरी होगी योजना योजना के तहत दस जिले के 133 गांव में जलापूर्ति व्यवस्था पर काम होना है. इसमें पटना के 18, नालंदा के 13, नवादा के 7, बेगूसराय के 18 , मुंगेर के 7, बांका के 10, पूर्णिया के 9, मुजफ्फरपुर के 16, सारण के 21 व बेतिया के 14 गांव […]
अगले साल तक पूरी होगी योजना
योजना के तहत दस जिले के 133 गांव में जलापूर्ति व्यवस्था पर काम होना है. इसमें पटना के 18, नालंदा के 13, नवादा के 7, बेगूसराय के 18 , मुंगेर के 7, बांका के 10, पूर्णिया के 9, मुजफ्फरपुर के 16, सारण के 21 व बेतिया के 14 गांव में ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण होना है.
राज्य सरकार से योजना की स्वीकृति मिलने के बाद पीएचइडी विभाग उसकी प्रक्रिया में लग गयी है. विभाग के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि टेंडर निकाल कर दो माह में उसकी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. अगर सभी प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाये तो अगले साल के अंत तक लोगों के घरों में पाइप से स्वच्छ पानी मिलना शुरू हो जायेगा.
योजना पर 286.43 करोड़ खर्च होंगे
जलापूर्ति योजना पर कुल 286.43 करोड़ खर्च होंगे. इसमें नयी ग्रामीण जलापूर्ति योजना पर 226.56 करोड़ खर्च होगा. निर्माण काम पूरा होने के बाद पांच वर्ष तक उसके परिचालन व रख-रखाव पर 59.87 करोड़ खर्च होगा.
विश्व बैंक की सहायता से ग्रामीण जलापूर्ति व स्वच्छता परियोजना के अंतर्गत बिहार में पेयजल व स्वच्छता कार्यक्रम के लिए छह वर्ष में 1606 करोड़ मिलने की संभावना है. पूरी योजना पर होनेवाले खर्च में 50 फीसदी राशि विश्व बैंक से अनुदान के रूप में मिलेगी. शेष राशि में केंद्र व राज्य सरकार के बीच 25-25 फीसदी राशि देना है.
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