पटना: इज्जत मंथली सीजन टिकट (एमएसटी) बनवाने के लिए अब सिर्फ आय प्रमाणपत्र ही काफी नहीं होगा. आवेदकों को इसके साथ आवासीय प्रमाणपत्र भी पेश करना होगा. रेलवे बोर्ड की यह नयी व्यवस्था 15 अक्तूबर से लागू हो जायेगी. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 15 अक्तूबर के बाद इज्जत मंथली पास बनवाने के लिए आवेदक को सबसे पहले सरकारी कार्यालय से 1500 रुपये से कम आय का प्रमाणपत्र बनवाना होगा.
दो साल के अंदर निर्गत आय प्रमाणपत्र को ही वैद्य समझा जायेगा. आवेदक को इसके साथ सांसद या किसी केंद्रीय मंत्री की अनुशंसा लेनी होगी. फिर आवासीय प्रमाणपत्र की छाया प्रति के साथ आय प्रमाणपत्र व अनुशंसा पत्र को डीआरएम कार्यालय में जमा कराना होगा, जहां से उनको इज्जत एमएसटी इश्यू किया जायेगा.
बीपीएल कार्ड को आय प्रमाणपत्र की मान्यता
रेलवे ने बीपीएल कार्ड, केंद्र सरकार द्वारा गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जारी प्रमाणपत्र व अंत्योदय अन्न योजना कार्ड को आय प्रमाणपत्र की मान्यता दी है. इन प्रमाणपत्र के रहने पर एसडीओ, बीडीओ या तहसीलदार द्वारा निर्गत आय प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी.
दुरुपयोग पर रोक के लिए बदली नीति
इज्जत एमएसटी योजना गरीब तबके को ध्यान में रख कर बनायी गयी थी. मगर कई लोग इसका गलत इस्तेमाल कर रहे थे. इसको देखते हुए रेलवे ने आवासीय प्रमाणपत्र की अनिवार्यता की है. आवासीय प्रमाणपत्र के तौर पर वोटर आइ कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, आधार कार्ड, राष्ट्रीयकृत बैंक का फोटोयुक्त पास बुक या भारत सरकार अथवा सरकारी एजेंसी द्वारा जारी फोटोयुक्त
पहचान पत्र मान्य होगा.
अगस्त 2009 में लागू हुई थी योजना
तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने अगस्त 2009 में इस योजना को लांच किया था. इसके तहत वैसे लोग जिनकी मासिक आय 1500 रुपये से कम है, उनको मात्र 25 रुपये के शुल्क पर प्रतिदिन 100 किमी तक ट्रेन में सफर करने का पास उपलब्ध कराया जाता है. इस योजना से खास कर असंगठित क्षेत्र के वैसे लोग लाभान्वित हुए, जो प्रतिदिन गांव से शहर आकर छोटा-मोटा व्यापार करते हैं.