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‘बढ़ चला बिहार’ के जरिये जदयू का प्रचार : मोदी

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि भाजपा का यह आरोप कि ‘बढ़ चला बिहार’ प्रचार अभियान के जरिये सरकारी खर्चे पर जदयू का प्रचार किया जा रहा है, हाइकोर्ट की टिप्पणी के बाद और पुख्ता हो गया है. सरकार राजनीतिक लाभ के लिए बढ़ चला […]

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि भाजपा का यह आरोप कि ‘बढ़ चला बिहार’ प्रचार अभियान के जरिये सरकारी खर्चे पर जदयू का प्रचार किया जा रहा है, हाइकोर्ट की टिप्पणी के बाद और पुख्ता हो गया है.
सरकार राजनीतिक लाभ के लिए बढ़ चला बिहार कार्यक्रम के जरिये राजनीतिक प्रचार कर रही है. आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित 400 ट्रकों द्वारा प्रदेश के 40 हजार गांवों में प्रचार के इस व्यापक अभियान पर मात्र 14-15 करोड़ रुपये खर्च होने की कोर्ट को जानकारी देकर सरकार ने गलतबयानी की है. सरकार अन्य प्रचार कार्यक्रमों जनभागीदारी, उद्घोष, गौरव गाथा संवाद और बिहार डेवलपमेंट पर होनेवाले खचरे का ब्योरा भी सार्वजनिक करें. सरकार बढ़ चला बिहार और जदयू के प्रचार अभियान के सारे तथ्यों को खुलासा करे और बताएं कि क्या राजनीतिक फायदे के लिए बढ़ चला बिहार और जदयू के चुनाव प्रचार के कार्यक्रमों में घालमेल कर सरकारी धन व संसाधनों का दुरुपयोग नहीं किया जा रहा है.
चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 7, सकरुलर रोड स्थित आवास को ‘वार रूम’ बनाया गया है. इस में सरकार की ओर से 3़80 करोड़ खर्च कर अत्याधुनिक संचार नेटवर्क के साथ ही आडियो-वीडियो सिस्टम व प्रचार के अन्य उपकरण लगाये जा रहे हैं.
40 से 50 लोग यहां 24 घंटे रह कर जदयू के चुनाव प्रचार का संचालन करेंगे. सरकार को बताना चाहिए जब सूचना व जनसंपर्क विभाग का वर्ष 2011 से लेकर अगले तीन वर्षों तक योजना व्यय साढ़े सात करोड़ रुपये से ज्यादा कभी नहीं रहा तो फिर 2015-16 में 15 गुना वृद्घि कर 90 करोड़ के प्रावधान का क्या औचित्य था.
विशेष प्रचार अभियान पर 88़08 करोड़ रुपये खर्च के प्रावधान की सरकार को क्यों जरूरती पड़ी. क्या इसके पूर्व विशेष प्रचार अभियान पर मात्र 4 से 5 करोड़ रुपये ही खर्च नहीं होता था. उन्होंने कहा कि सरकार बताएं कि क्या बढ़ चला बिहार के प्रचार अभियान की स्वीकृति कैबिनेट से ली गयी है.
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि क्या यह सच नहीं कि 20 मई, 2015 को सरकार ने नोयडा की जिस सिटीजन एलायंस प्रालि को ‘ बढ़ चला बिहार’ कार्यक्रम के प्रचार के लिए सूचीबद्घ किया जिसका निबंधन इसी साल 15 फरवरी को मात्र एक लाख रुपये के शेयर पूंजी के साथ हुआ है.
भाजपा ने जब यह मामला उजागर किया कि इतनी छोटी पूंजी वाली एजेंसी को इतनी बड़ी राशि का काम कैसे दे दिया गया तो ढाई महीने बाद 15 जुलाई को संशोधन करते हुए सिटीजन एलायंस प्रा लिंक के साथ हैदराबाद की जे डब्ल्यू माइंडसेट प्राइवेट लिंक को जोड़ नहीं लिया गया. सरकार बताये कि ‘बढ़ चला बिहार’ अभियान की पीआर एजेंसी से जदयू का प्रचार कर रही एजेंसी का क्या संबंध है.
सरकारी पैसे से प्रचार पर माफी मांगें : नंदकिशोर
पटना. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार को सरकारी खजाने के दुरुपयोग के लिए राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए. जनता इस सवाल का जवाब मांग रही है कि जदयू सरकार ने बिहार के खजाने का पैसा अपनी पार्टी और अपने मुख्यमंत्री का चेहरा चमकाने के मकसद से किये जा रहे प्रचार पर क्यों बरबाद किया. सरकारी कार्यक्रम के नाम पर मुख्यमंत्री अपना चुनावी एजेंडा चलाने में जुटे हैं. लोग इस बात को कह रे थे लेकिन मुख्यमंत्री मनमानी कर रहे थे. अब जब पटना हाइकोर्ट ने बढ़ चला बिहार कार्यक्रम में पोस्टर, तसवीर और ऑडियो-वीडियो के जरिये प्रचार पर रोक लगा दी है.
इससे सारी स्थिति आइने की तरह साफ हो गयी है. यादव ने कहा कि जदयू सुप्रीमो अदालत की टिप्पणियों को गंभीरता से ले. अदालत ने कहा है कि राज्य की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, स्कूलों की खस्ता हालत पर ध्यान नहीं है, हर जगह समस्या ही समस्या है. भाजपा इन्हीं मुद्दों को लेकर पिछले दो साल से लगातार आवाज उठा रही है.
जदयू सरकार को आगाह कर रही है. सरकार पिछले दो साल से सिर्फ सत्ता बचाओ कार्यक्रम चला रही है, उसे जनता की समस्याओं, विकास योजनाओं, कल्याण योजनाओं की बिल्कुल चिंता नहीं है.
विकास ठप पड़ा हुआ है और जदयू सुप्रीमो अपनी नाकामी छिपाने के लिए कभी रिपोर्ट कार्ड के नाम पर आंकड़ों की बाजीगरी करते हैं तो कभी सरकारी पैसों से पार्टी का प्रचार अभियान चलाते हैं. श्री यादव ने कहा कि बिहार की जनता राजद और जदयू, दोनों का नकाब के पीछे छिपा असली चेहरा देख रही है. एक घटक दहशत का माहौल बनाने में जुटा है तो दूसरा विकास का हवाई किला दिखाने में.

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