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29 प्रतिशत कम हुई बारिश 56 फीसदी धान की रोपनी
खेती पर संकट. 24 जिलों में सुखाड़, किसान परेशान धान की फसल पर तबाही का खतरा पटना : राज्य के 29 जिलों में कम बारिश के कारण धान की खेती पर तबाह होने का खतरा पैदा हो गया है. 24 जिलों में सामान्य से -29 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इतनी कम बारिश में धान […]
खेती पर संकट. 24 जिलों में सुखाड़, किसान परेशान
धान की फसल पर तबाही का खतरा
पटना : राज्य के 29 जिलों में कम बारिश के कारण धान की खेती पर तबाह होने का खतरा पैदा हो गया है. 24 जिलों में सामान्य से -29 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इतनी कम बारिश में धान की फसल को बचाना किसानों के लिए मुश्किल हो गया है. अब देर से बारिश होती है तो धान की फसल को लाभ नहीं होगा. आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कम बारिश के कारण धान की खेती पर असर को कम करने के लिए कृषि विभाग के द्वारा कार्रवाई की जा रही है.
रोपनी के लिए 15 दिनों का समय
किसानों को धान की फसल बचाने के लिए किसानों को डीजल सब्सिडी दी जा रही है. कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि कम बारिश के कारण अब तक मात्र 56.27 प्रतिशत ही धान की रोपनी हो सकी है. विभागीय अधिकारी ने बताया कि धान की रोपनी आमतौर पर 15 अगस्त की जाती है.
इस प्रकार धान की रोपनी के लिए किसानों को अधिकतम 15 दिनों का समय रह गया है. इसके बाद यदि रोपनी होती भी है तो इससे उपज की उम्मीद नहीं की जा सकती है. अधिकारी ने बताया कि 15 दिनों में धान की रोपनी का लक्ष्य प्राप्त करना अब असंभव है.
यह सही है कि अब तक कम बारिश हुई है, लेकिन अभी बारिश की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि धान का बिचड़ा लक्ष्य के अनुसार तैयार है.
जैसे ही बारिश होगी, किसान धान की रोपनी करेंगे. फसल बचाने के लिए सरकार किसानों को डीजल सब्सिडी दे रही है. इसके बावजूद यदि धान की खेती की परेशानी हुई तो किसानों को वैकल्पिक खेती के विभिन्न फसलों के बीज उपलब्ध करायेगा.
विजय प्रकाश
कृषि उत्पादन आयुक्त
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