21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इन्वायरमेंटल क्लियरेंस में फंसा पत्थर खनन

पटना : राज्य में नयी खनन बना कर पत्थर खनन की शुरुआत इस वर्ष जनवरी से की गयी है. पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यह नयी नीति बनायी गयी है. ठेका लेनेवालों को माइनिंग प्लान और इन्वायरमेंटल क्लियरेंस (पर्यावरण प्रमाण पत्र) लेना अनिवार्य किया गया है. परंतु इसे प्रदान करनेवाली संस्थान एसइआइएए (स्टेट […]

पटना : राज्य में नयी खनन बना कर पत्थर खनन की शुरुआत इस वर्ष जनवरी से की गयी है. पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यह नयी नीति बनायी गयी है. ठेका लेनेवालों को माइनिंग प्लान और इन्वायरमेंटल क्लियरेंस (पर्यावरण प्रमाण पत्र) लेना अनिवार्य किया गया है.
परंतु इसे प्रदान करनेवाली संस्थान एसइआइएए (स्टेट इन्वायरमेंट इम्पैक्ट एस्सेमेंट ऑथरिटी) इसे जारी करने में काफी देर कर रही है.
इस इन्वायरमेंटल क्लियरेंस नहीं मिलने के कारण जनवरी महीने में पत्थर खनन का ठेका होने के बाद भी इसका खनन कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है. ऐसे 34 प्रस्ताव एसइआइएए के पास महीनों से लंबित पड़े हुए हैं.
2015 में सात महीना बीतने के बाद भी पर्यावरण क्लियरेंस नहीं मिलने की वजह से खनन कार्य शुरू नहीं हो रहा है. इससे सड़क निर्माण समेत कई बड़े निर्माण कार्य में पत्थर की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
साथ ही आधारभूत संरचना के निर्माण में महंगे दर पर गिट्टी या पत्थर खरीदना पड़ा रहा है. कई स्थानों से अवैध खनन की बात भी सामने आ रही है.
सालाना 95 लाख टन की डिमांड : राज्य में सालाना करीब 95 लाख टन गिट्टी की जरूरत पड़ती है. यह जरूरत मुख्य रूप से सड़क निर्माण, आधारभूत संरचना समेत अन्य प्रमुख निर्माण कार्यो में पड़ती है. इसके अलावा निजी स्तर पर लोग को घर समेत अन्य छोटे निर्माण कार्यो में करीब 5-10 लाख टन की खपत होती है. परंतु अभी राज्य में गिट्टी की उपलब्धता महज 12-15 लाख टन की हो पा रही है. जरूरत के मुताबिक आपूर्ति नहीं हो पा रही है.
इन जिलों में हुआ खनन ठेका
राज्य में फिलहाल पत्थर खनन का ठेका पांच जिलों में दिया गया है. इन जिलों में नयी खनन नीति के मुताबिक पांच-पांच हेक्टेयर में पत्थर के ब्लॉक (एरिया) को बांटकर ठेका पट्टा जारी किया गया है.
यह खनन पट्टा पांच साल के लिए दिया गया है. गया में नौ पत्थर ब्लॉक के लिए खनन पट्टा जारी किया गया है. इसी तरह शेखपुरा में 11, नवादा में 17 और बांका में एक खनन पट्टा दिया गया है. वर्तमान में नवादा में छह पत्थर खनन लाइसेंसी तौर पर चल रहे हैं, जबकि शेखपुरा में एक खनन पट्टा चल रहा है. इसका लीज रेलवे को दिया हुआ है.
एक साल में डेढ़ गुनी महंगी हुई गिट्टी
सामान्य उपयोग के लिए राज्य में महज छह पत्थर खनन पट्टा ही चल रहे हैं. शेष की लाइसेंस अवधि समाप्त होने के कारण खनन कार्य बंद है. इससे गिट्टी के दाम में पिछले एक साल में करीब डेढ़ गुणा की बढ़ोतरी हो गयी है.
छह महीने पहले गिट्टी का रेट 5000-5500 प्रति 100 सीएफटी था, जो अभी 7 हजार रुपये तक पहुंच गया है. एक साल पहले रेट 4000-4500 रुपये प्रति सीएफटी हुआ करता था. राज्य में खनन कार्य बंद होने से पाकुड़, कोडरमा (झारखंड), मिर्जापुर (यूपी) और ओडिशा के कुछ स्थानों से मंगवाया जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें