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एनबीसी के लिए बना विशेष कोर्ट

राज्य के सभी प्रमंडलों में गठित कर दिये गये इसके लिए विशेष कोर्ट पटना : राज्य सरकार ने नन-बैंकिंग कंपनी (एनबीसी) या चिट फंड कंपनियों की धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों को न्याय दिलाने के लिए विशेष न्यायालय का गठन कर दिया है. सभी न्यायालयों ने कार्य करना शुरू भी कर दिया है. वित्त विभाग […]

राज्य के सभी प्रमंडलों में गठित कर दिये गये इसके लिए विशेष कोर्ट
पटना : राज्य सरकार ने नन-बैंकिंग कंपनी (एनबीसी) या चिट फंड कंपनियों की धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों को न्याय दिलाने के लिए विशेष न्यायालय का गठन कर दिया है. सभी न्यायालयों ने कार्य करना शुरू भी कर दिया है. वित्त विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. ऐसे विशेष न्यायालयों का गठन राज्य के सभी नौ प्रमंडलों में किया गया है.
इनमें लोगों के साथ धोखाधड़ी कर पैसे गबन करने वाली चिट फंड कंपनियों के खिलाफ मामलों की सुनवाई की जायेगी. राज्य में वर्तमान में फर्जी चिट फंड कंपनियों के खिलाफ 78 मामले विभिन्न जिलों में दर्ज हैं. ये वैसी कंपनियां हैं, जिनका संचालन राज्य में ही होता था या इनका हेडक्वार्टर किसी न किसी जिले में मौजूद था. इन कंपनियों के खिलाफ स्थानीय थानों और आर्थिक अपराध इकाई में मामले दर्ज हैं. इनमें कई कंपनियों के संचालक या कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
इन विशेष न्यायालयों में बिहार जमाकत्र्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय स्थापनाओं में) अधिनियम, 2002 (अधिनियम 18) की धारा 7 के तहत दर्ज मामलों की खासतौर से सुनवाई होगी.
जिला व्यवहार में पदस्थापित एवं कार्यरत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह सहायक सत्र न्यायाधीश के न्यायालय को इसके लिए खासतौर से इन मामलों की सुनवाई के लिए अभिहित न्यायालय के रूप में गठित किया गया है.
हाई कोर्ट से सहमति प्राप्त करने के बाद सभी प्रमंडलों में ऐसे न्यायालय को अपने क्षेत्र में मौजूद चिट फंड कंपनियों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने का विशेष अधिकार दिया गया है. जिन न्यायालयों में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह सहायक सत्र न्यायाधीश कार्यरत नहीं हो, वहां पदस्थापित अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह सहायक सत्र न्यायाधीश इन मामलों की सुनवाई करेंगे.
गौरतलब है कि राज्य में फर्जीवाड़ा करने वाली 118 चिट फंड कंपनियों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई और सेबी ने नोटिस जारी करते हुए इन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया है. परंतु इसमें कई चिट फंड कंपनियों का मुख्यालय या मेन सेंटर दूसरे राज्यों में मौजूद होने के कारण, इनके खिलाफ कार्रवाई करने में दिक्कत आ रही है.
फिलहाल इनमें 78 चिट फंड कंपनियों के खिलाफ ही मामला दर्ज हो पाया है, जिनकी सुनवाई इन विशेष न्यायालयों में शुरू की गयी है. शेष कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है.

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