पटना: पर्यावरण एवं वन विभाग ने अधिकारियों की योजनाओं को पास करने के लिए तकनीकी व वित्तीय शक्ति में वृद्धि की है. इसका मूल मकसद विभाग की ओर से चल रही योजनाओं को समय पर पूरा करना है.
विभागीय सचिव दीपक कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश के अनुसार सहायक वन संरक्षक या समकक्ष अधिकारी अब दस लाख तक की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति दे सकेंगे. हालांकि, इन्हें वित्तीय शक्ति नहीं दी गयी है. वन प्रमंडल पदाधिकारी या समकक्ष पदाधिकारियों को 10 लाख से 50 लाख तक की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति, जबकि 25 लाख तक की वित्तीय शक्ति दी गयी है. वन संरक्षक व समकक्ष पदाधिकारी 50 लाख से दो करोड़ तक की योजनाओं की तकनीकी मुहर लगा सकेंगे. 50 लाख से दो करोड़ तक इन्हें वित्तीय अधिकार दिया गया है.
मुख्य वन संरक्षक व अन्य पदाधिकारियों को दो करोड़ तक की तकनीकी स्वीकृति दी जायेगी और इन्हें दो करोड़ से 3.50 करोड़ तक की वित्तीय शक्ति दी गयी है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति नहीं देंगे. लेकिन, 3.50 करोड़ से अधिक की योजनाओं पर इनकी मुहर जरूरी होगी.