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निजी क्षेत्र के बैंकों को सरकारी बैंक में शामिल करें : बी प्रसाद

फोटो – मांग पूरी नहीं होने पर किया जायेगा आंदोलन संवाददाता, पटना केंद्र की एनडीए सरकार विभिन्न तरह से सरकारी क्षेत्र के बैंकों को कमजोर करने में लगी हुई है. निजी क्षेत्र को पेमेंट बैंक तथा स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस देने की योजना बनायी गयी है. यह कहीं से सही नहीं है. आजादी के […]

फोटो – मांग पूरी नहीं होने पर किया जायेगा आंदोलन संवाददाता, पटना केंद्र की एनडीए सरकार विभिन्न तरह से सरकारी क्षेत्र के बैंकों को कमजोर करने में लगी हुई है. निजी क्षेत्र को पेमेंट बैंक तथा स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस देने की योजना बनायी गयी है. यह कहीं से सही नहीं है. आजादी के समय निजी क्षेत्र के बैंकों की संख्या 566 थी. 1951 से 1969 के बीच 477 निजी क्षेत्र के बैंक फेल हो गये. समय आ गया है कि निजी क्षेत्र के बैंकों को राष्ट्रीयकृत बैंक में शामिल किया जाये. ये बातें बैंक इंप्लाइज फेडरेशन बिहार के अध्यक्ष बी प्रसाद ने रविवार को कहीं. उन्होंने 47वें बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस के मौके पर कहा कि किसी भी काम में निजी बैंक रुचि नहीं दिखाते हैं. 1993 में भी निजी क्षेत्र में 11 बैंक खोले गये, लेकिन अधिकतर बैंक बंद हो गये. उन्हें सरकारी बैंकों द्वारा अधिग्रहण किया गया. सरकारी क्षेत्र के बैंकों की देश के विकास में अहम भूमिका है. लेबर लॉ खत्म करने के विरोध में दो सितंबर को बैंकों में भी हड़ताल की जायेगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में महासचिव जेपी दीक्षित, बिहार प्रोविंसियल ग्रामीण बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के महासचिव अरविंद कुमार सिन्हा, रंजन राज, सुरेश प्रसाद सिंह, बीके पाल, रासबिहारी चौधरी, अजय चटर्जी आदि उपस्थित थे.

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