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खजाने में पड़े संस्कृत शिक्षकों के पैसे

पटना. समग्र संस्कृत सह संस्कृत शिक्षक कल्याण संस्थान के अध्यक्ष रामचरित्र सिंह ने बताया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण 35 वर्षों से संस्कृत विद्यालयों की आज तक स्वीकृति नहीं हो पायी है. इसके कारण प्रस्तावित संस्कृत विद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी बिना वेतन के काम करने को मजबूर हैं. यहां तक की […]

पटना. समग्र संस्कृत सह संस्कृत शिक्षक कल्याण संस्थान के अध्यक्ष रामचरित्र सिंह ने बताया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण 35 वर्षों से संस्कृत विद्यालयों की आज तक स्वीकृति नहीं हो पायी है. इसके कारण प्रस्तावित संस्कृत विद्यालय के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी बिना वेतन के काम करने को मजबूर हैं. यहां तक की कई शिक्षक वेतन के इंतजार में सेवानिवृत्त हो गये, तो कुछ इस दुनिया में भी नहीं रहे. पांच वर्ष पहले सीएम ने 31 अगस्त, 2010 को 300 संस्कृत विद्यालयों को सात माह के वेतन भुगतान के लिए दस करोड़ 70 लाख 23 हजार रुपये उपलब्ध कराये गये, जो आज तक सरकारी खजाने में संचित हैं. ऐसे में शिक्षक सरकार व बोर्ड के दोषारोपण नीति के शिकार हो कर रह गये हैं.

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