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मिले विशेष दर्जा, दर्जी भी जरूरी

पटना : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि बिहार विशेष राज्य के दर्जे का हकदार है, लेकिन इसके लिए विशेष दर्जी (प्रशासनिक दक्षता) की भी जरूरत है. बिहार पिछड़ा और गरीब राज्य है. ऐसे राज्यों को केंद्र सरकार से अधिक आर्थिक सहायता की दरकार है. उन्होंने कहा कि मैं इस […]

पटना : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि बिहार विशेष राज्य के दर्जे का हकदार है, लेकिन इसके लिए विशेष दर्जी (प्रशासनिक दक्षता) की भी जरूरत है. बिहार पिछड़ा और गरीब राज्य है. ऐसे राज्यों को केंद्र सरकार से अधिक आर्थिक सहायता की दरकार है.

उन्होंने कहा कि मैं इस पक्ष में हूं कि बिहार को विशेष सहायता मिलनी चाहिए. लेकिन, इसके लिए राज्य के पास प्रशासनिक क्षमता, कार्यो में गुणवत्ता और क्रियान्वयन करनेवाला सिस्टम भी तो होना चाहिए. सिर्फ पैसे से ही सभी समस्याओं का समाधान नहीं होता है.

बिहार के एक दिन के दौरे पर आये श्री रमेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार में जनवितरण प्रणाली में कवरेज कम है, जबकि लीकेज अधिक है. इसमें सुधार लाने की आवश्यकता है. ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार राशि देती है. उसका निर्माण कराना और गुणवत्ता सुनिश्चित कराने की जिम्मेवारी राज्य सरकार

की है.

बिहार की बीपीएल सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी है. जिसका नाम होना चाहिए, उसका नाम नहीं है और जिसका नाम नहीं होना चाहिए, उसका नाम सूची में दर्ज है. केंद्र से राशि मिलने में विलंब राज्य से भेजे जानेवाले उपयोगिता प्रमाणपत्र के अभाव के कारण होता है. समय पर जवाब नहीं मिलता. कभीकभी तो फर्जी उपयोगिता प्रमाणपत्र भी भेज दिया जाता है.

समस्तीपुर जिले का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वहां के इंदिरा आवास निर्माण की राशि इसलिए रोक दी गयी है, क्योंकि तीन साल पहले वहां इंदिरा आवास निर्माण में घोटाला हुआ था. इसको लेकर केंद्र सरकार ने जांच रिपोर्ट की मांग की थी. यह रिपोर्ट नहीं मिली है. इस वर्ष देश में सबसे अधिक इंदिरा आवास का आवंटन बिहार को मिला है.

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