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जातीय जनगणना रिपोर्ट: नीतीश-लालू ने केंद्र सरकार को घेरा

मंडल बनाम कमंडल की होगी लड़ाई : लालू पटना: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है. सोमवार को जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट जल्द जारी करने की मांग को लेकर राजभवन मार्च पर निकले लालू प्रसाद ने घोषणा की कि विधानसभा चुनाव की लड़ाई कमंडल बनाम मंडल की होगी. मंडलवाले कमंडल […]

मंडल बनाम कमंडल की होगी लड़ाई : लालू
पटना: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है. सोमवार को जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट जल्द जारी करने की मांग को लेकर राजभवन मार्च पर निकले लालू प्रसाद ने घोषणा की कि विधानसभा चुनाव की लड़ाई कमंडल बनाम मंडल की होगी. मंडलवाले कमंडल को फोड़ देंगे. मंडलवाले युद्ध के लिए तैयार रहे. अगर रिपोर्ट आ गयी, तो भाजपा की पोल खुल जायेगी. उन्होंने कहा कि 10 फीसदी अगड़े 90 फीसदी पिछड़ों पर राज करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, हम बैकवर्ड खेल खेलने नहीं आये हैं. लेकिन, संविधान में लिखा है कि एससी/एसटी को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण मिलेगा. अब जब इन वर्गो की आबादी बढ़ गयी है, तो उसके अनुसार आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. दिन के 12 बजे कड़ी धूप में गांधी मैदान के पास जेपी गोलंबर से राजभवन मार्च पर निकले लालू प्रसाद ने आर ब्लॉक पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम भीख नहीं मांग रहे हैं. पर, देश में छह करोड़ भीख मांगनेवाले लोग हैं, वे कौन हैं, उसका हिसाब तो बताना पड़ेगा. 51 फीसदी लोग मजदूर हैं, आधा लोग भूमिहीन हैं, तो वे बकरी कहां चरायेंगे. जाति जनगणना रिपोर्ट प्रकाशित होगी, तो उसके अनुसार गरीबों के लिए बजट बनेगा. रिपोर्ट जारी कर यह बताना ही होगा कि जो गणना हुई है, उसमें किसकी स्थिति क्या है.
लालू प्रसाद ने 25 जुलाई को बिहार बंद की घोषणा करने के बाद उसे वापस ले लिया. कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार में दौरा होनेवाला है. हो सकता है कि हमारी मांग को सुन कर उस दिन वह इसकी घोषणा कर दें. प्रधानमंत्री को सुनने के बाद हम बिहार बंद की घोषणा करेंगे. उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को टास्क दिया कि 15 अगस्त तक रिपोर्ट जारी कराने के लिए सभी विधानसभा में नारा लगाओ कि भाजपा वाले होश में आओ, गरीबों की हकमारी बंद करो, जनगणना रिपोर्ट प्रकाशित करो. जब तक रिपोर्ट जारी नहीं होगी, तब तक लड़ाई जारी रहेगी. सभी को गांव-गांव कांव-कांव करना है. उन्होंने कहा कि 1931 के बाद से जातीय जनगणना की रिपोर्ट नहीं तैयार की गयी. अब रिपोर्ट तैयार है, तो गणोशजी को दूध पिलानेवाले लोगों ने रोक लिया है. लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान को निशाने पर लेते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि बीजेपी व आरएसएस का बचाव करना छोड़ दीजिए. आदिवासी, गरीब की संख्या बढ़ गयी है. गरीबों के बाप-दादा को एक कमरा नसीब नहीं है.
पीएमओ में ओबीसी अफसर नहीं
राजद नेताओं ने कहा कि पीएमओ में ओबीसी ऑफिसर नहीं है. सवर्ण जातियों में ठाकुर व कायस्थ की हिस्सेदारी उच्च पदों पर घट गयी है. जब तक रिपोर्ट जारी नहीं होगी, तब तक यह पता नहीं चलेगा कि लोगों की स्थिति क्या है. प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामचंद्र पूव्रे ने राज्यपाल को दिये जानेवाले ज्ञापन को मंच से पढ़ कर सुनाया. बाद में उनके नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने राजभवन जाकर ज्ञापन सौंपा.
इस मौके पर पार्टी नेताओं डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह, कांति सिंह, सांसद बुलो मंडल, इलियास हुसैन, तेज प्रताप, मुंद्रिका सिंह यादव, सुरेंद्र प्रसाद यादव, आलोक मेहता, रणवीर यादव, भाई वीरेंद्र, रामानंद प्रसाद यादव, चंद्रशेखर, ललित यादव, अख्तरूल इस्लाम शाहीन, रामदेव भंडारी, प्रगति मेहता, शिवचंद्र राम, चितरंजन गगन, मनीष यादव, भाई अरुण, इ अशोक यादव, राजेश पाल, नंद किशोर यादव, बली यादव, प्रमोद कुमार सिन्हा सहित हजारों की संख्या में नेता-कार्यकर्ता उपस्थित थे.
केंद्र जाति का आंकड़ा बताये : नीतीश
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुमार ने जातिगत आधारित जनगणना की रिपोर्ट अब तक जारी नहीं करने पर केंद्र सरकार पर हमला किया है. सोमवार को 1, अणो मार्ग में जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को सामाजिक, आर्थिक जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी करनी चाहिए. रिपोर्ट जारी नहीं कर केंद्र सरकार धोखाधड़ी कर रही है और बहुत बड़े तबके का हक मारना चाह रही है. जिस प्रकार चोर की दाढ़ी में तिनका होता है, उसी तरह रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जा रहा है. रिपोर्ट जारी नहीं की, तो यह लोकतंत्र है, जनता मालिक होती है. जिस तरह आये हैं, उसी तरह चले जायेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो जातिगत जनगणना हुई, वह लोगों की स्थिति जानने के लिए हुई थी, न कि उसे बक्सा या अलमारी में बंद करने के लिए. अब वे लोगों को मुर्ख बना रहे हैं. क्या परेशानी है? जब सबकी संख्या आयेगी, तो जिनका कम विकास हुआ होगा उनका और विकास किया जायेगा. हकीकत को छिपा कर रखने से समाज-देश कहीं चलता है क्या? रिपोर्ट जारी होने से कौन जाति विकास के किस पायदान पर खड़ी है, यह पता चलेगा. शिक्षा, रोजगार, धन, सरकारी, निजी क्षेत्र में कौन कहां हैं, उसकी जानकारी मिलेगी. इसी आधार पर तो जिनका विकास नहीं हुआ होगा उनका विकास किया जायेगा. इसमें किसी को एतराज नहीं होना चाहिए. रिपोर्ट से केंद्र सरकार को बेचैनी हो गयी है, इसलिए जारी नहीं कर रहे हैं.
केंद्र का दोहरा मापदंड नहीं चलेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का दोहरा मापदंड नहीं चलेगा. एक तरफ तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओबीसी कैटेगरी में डाल रहे हैं और पिछड़े जाति में होने का उल्लेख कर रहे हैं, वहीं जातिगत जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने से दबा रहे हैं. ऐसा दोहरा मापदंड कब तक चलेगा. भाजपा वोट के लिए सिर्फ जातिवाद कार्ड खेलना चाहती है. लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार विकास के नाम पर जातिवाद और संप्रदायवाद का कार्ड खेला, वह सबके सामने है. भाजपा लोगों को झांसे में रख कर उनका वोट लेना चाहती है. बिहार विधानसभा चुनाव होने वाला है तो फिर से जात की बात कर रहे हैं.
लालू प्रसाद की मांग जायज, केंद्र को बताना होगा कारण
जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने को लेकर राजद के आंदोलन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की मांगे जायज है. केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि वह रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है? केंद्र को इसका कारण बताना होगा. जदयू ने भी इसकी पहले भी मांग की और अब भी कर रही है. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के इस बयान पर कि रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होनी थी, सीएम ने कहा कि कुछ लोग बड़े महान लोग हैं. रिपोर्ट को छिपाने से किसी का भला होगा क्या? वे लोगों को मूर्ख बना रहे हैं. भाजपा नेता सुशील मोदी द्वारा रिपोर्ट के त्रुटिपूर्ण कहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब रिपोर्ट ही सार्वजनिक नहीं हुई तो उन्हें कैसे पता चल गया? इसी को दुष्प्रचार व अफवाह कहा जाता है. जब त्रुटि थी, तो 14 महीने में इसे दुरुस्त करने के लिए कौन-सा काम किया? उनकी नीयत ही साफ नहीं है.
सांप्रदायिक विद्वेष फैला रही भाजपा, विकास से नहीं है मतलब
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर समाज में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब से वे एनडीए से अलग हुए हैं, बिहार में सांप्रदायिक आधार पर विद्वेष फैलाने की कोशिश हो रही है. इसकी वजह से पांच-10-20 गांव प्रभावित कर दिया जाये, ऐसा हो रहा है. अचानक इस तरह की घटनाएं बढ़ गयी हैं. सरकार ऐसी घटनाओं को प्राथमिकता से निबट रही है और आपसी प्रेम व भाईचारा बनाये रखने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा को विकास से और देश की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है. उसे सिर्फ कुरसी से मतलब है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह योग करने के लिए पटना आये और कुरसी आसन पर ही बैठे रहे. उन्होंने प्रधानमंत्री के आदेश की अवहेलना की. भाजपा की दिलचस्पी है कि किस तरह से मतदाताओं को बरगलाया जाये. ध्रुवीकरण की कोशिश हो रही है, कभी जाति के नाम पर तो कभी सांप्रदायिकता के नाम पर. सीएम ने कहा कि वे भाजपा नेताओं के एक-एक क्लिप जारी करेंगे कि कल क्या बोलते थे और आज क्या बोल रहे हैं. आज भी वे समाज में जात-संप्रदाय के नाम पर विद्वेष हो. विकास में उनकी रुचि रहती, तो वे जो वादा किया था उस पर काम करते.
बिहारयात्रापर आ रहे प्रधानमंत्री
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा करें, उसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन कभी-कभी देश की भी यात्रा करें. 15 महीने बाद सुना है कि वे बिहार की यात्रा पर आ रहे हैं. इसकी केंद्र सरकार से राज्य सरकार को कोई आधिकारिक सूचना अभी तक नहीं मिली है. दूसरे सूचना तंत्र व भाजपा के नेताओं की तरफ से आ रही सूचनाओं से इसकी जानकारी मिल रही है.
वोट के लिए शत्रुघ्न सिन्हा का होता है इस्तेमाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने जो कुछ बयान दिया, वह सही है. वे अनुभवी नेता हैं, सब जानते हैं. चुनाव में वोट के लिए उनका इस्तेमाल किया जाता है, बाकी समय उन्हें किनारे रखा जाता है. भाजपा में ऐसा काफी कुछ चलता रहता है. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी ओल्ड एड होम में डाल दिया गया है.
चुनाव की घोषणा के बाद ज्वाइंट कैंपेन : मुख्यमंत्री
पटना. बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद जदयू-राजद-कांग्रेस महागंठबंधन का ज्वाइंट कैंपेन चलेगा. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी. 1, अणो मार्ग पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि जब तक विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं होती है, तब तक सभी पार्टियां अपना-अपना अभियान चलायेगी. चुनाव की घोषणा के बाद संयुक्त अभियान चलेगा. पहले से ऐसी परंपरा भी नहीं रही है कि चुनाव से पहले गंठबंधन अपना अभियान चलाये. चुनाव की घोषणा के बाद गंठबंधन का संयुक्त रूप से अभियान चलाना ही प्रभावकारी रहता है. उन्होंने कहा कि जदयू अपना कार्यक्रम चला रहा है. परचा पर चर्चा, हर घर दस्तक कार्यक्रम चला. अब जदयू का विधानसभावार कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहा है. सात दिनों में सभी 243 विधानसभा क्षेत्र में यह सम्मेलन होना है.
विप चुनाव को अहमियत देना मानसिक बेरोजगारी
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार विधान परिषद् चुनाव के बारे में इतना सोचना, उसे अहमियत देना मानसिक बेरोजगारी है. यह सीमित मतदाताओं के बीच का और उम्मीदवार केंद्रित चुनाव था. इसमें प्रत्याशी खुद कितने अच्छे प्रबंधक होते है, जिसने अच्छा मैनेजमेंट किया, वह जीता. आम चुनाव से इसका कोई मतलब नहीं. हमलोग इस चुनाव को लेकर सहज थे, लेकिन भाजपा जरूर गंभीर थी. उसने तो घोषणा पत्र तक जारी कर दिया था और कई वादे भी किये थे. उन्होंने कहा कि विधान परिषद में चुनाव में हर जगह 600 से 1000 वैलेट पेपर अमान्य कर दिये गये. अब जो प्रत्याशी हार गये, कह रहे हैं कि अगर वोट अमान्य नहीं होता, तो जीत जाते. हमने कहा कि जब आप अलर्ट होते और अपने सीमित मतदाताओं को यह बताते कि वोट कैसे डालना है, तो वोट अमान्य ही नहीं होता. विधान परिषद चुनाव की जीत से कुछ लोग इतरा जरूर रहे हैं, उन्हें रोकना नहीं चाहिए.
नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 जुलाई को नयी दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि नीति आयोग की बैठक के लिए जो एजेंडा आया है उसमें भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों पर चर्चा होनी है. उसमें क्या-क्या नया आइटम और होगा उसके बारे में बैठक में ही पता चलेगा. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सवा दो घंटे चलेगी. इतने कम समय में कितनी बातों पर चर्चा होगी और कितनों को मौका मिलेगा पता नहीं? सीएम ने कहा कि वे पहली बार नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे. यह आयोग नहीं है, बल्कि नेशनल इंस्टिटय़ूशन फॉर ट्रांसपोर्टिग इंडिया है. यह कैसे काम करता है, इसके काम करने का तौर-तरीका क्या है इसके बारे में पता चलेगा. नीति आयोग के पहले योजना आयोग थी. उसके काम करने के तरीके से पहले ही परिचित थे.
केजरीवाल से हो सकती है मुलाकात
सीएम ने कहा कि दिल्ली यात्रा के दौरान मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर सकता हूं. इसके लिए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने सूचना दी है. दिल्ली में जो कुछ भी चल रहा है, एक चुनी हुई सरकार के लिए सही नहीं है. सरकार को काम करने नहीं दिया जा रहा है. सरकार को मुख्य सचिव से लेकर विभागों के सचिव बनाने का भी अधिकार नहीं दिया जा रहा है. दिल्ली जैसे ऐसे राज्यों को पूर्ण राज्यों का दर्जा दे देना चाहिए. आप से गंठबंधन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे बिहार की राजनीति से जोड़ा नहीं जाना चाहिए.
इफ्तार पर नहीं होनी चाहिए राजनीति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इफ्तार पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का निमंत्रण पहले से मिला था. पहले ही तय हो गया था कि जाना है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के यहां इफ्तार का प्रोग्राम बाद में बना. राजद का राजभवन मार्च के साथ-साथ इफ्तार का कार्यक्रम है. लोग अपनी सुविधा के अनुसार ही इफ्तार का आयोजन करते हैं. लालू प्रसाद जी ने भी कहा कि वो (नीतीश कुमार) सोनिया गांधी के इफ्तार में चले जाएं. जब एक ही समय इफ्तार पटना और दिल्ली में है, तो एक ही जगह रहना संभव है. ऐसे में इसे राजनीतिक रूप से जोड़ कर देखना सही नहीं है.
जातीय जनगणना रिपोर्ट पर निर्णय जल्द : भूपेंद्र
बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है. जल्द ही इस पर सरकार की ओर से कोई निर्णय आ सकता है. वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी करने में भाजपा को कोई डर नहीं है. इसके लिए पहले रिपोर्ट को तैयार तो करना होगा. बिहार के दो जिलों ने अभी तक आंकड़ा नहीं दिया है. अन्य जिलों से भी जो आंकड़े गये हैं, उसमें त्रुटियां हैं. आंकड़े जाने के बाद उसकी समीक्षा की जायेगी और उसके बाद केंद्र सरकार उसे सार्वजनिक कर सकती है.

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