पटना : बिजली चोरी की छापेमारी की प्रक्रिया की अब फोटोग्राफी करायी जायेगी. बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी में शामिल अभियंताओं को कैमरे से लैस मोबाइल दिये जायेंगे. कनीय अभियंता, सहायक अभियंता व कार्यपालक अभियंताओं की टीम छापेमारी में शामिल रहती है.
विशेष परिस्थिति में एसटीएफ के जवान या अधीक्षण अभियंता भी छापा मारते हैं. इन अभियंताओं को उनके ग्रेड के अनुसार ही राशि दी जायेगी. इसकी प्रबल संभावना है कि अभियंताओं को कम से कम पांच हजार रुपये मोबाइल के लिए दिये जायेंगे. छापेमारी के दौरान छापा दस्ता में शामिल अभियंता बिजली चोरी करने वाले उपभोक्ता पर जुर्माना या एफआइआर करने से पहले उसके तरीके की फोटोग्राफी करेंगे.
आम तौर पर कोर्ट में केस जाने पर उपभोक्ता बिजली चोरी नहीं करने का दावा करते हैं. वीडियोग्राफी के रूप में शूट की गयी इन तसवीरों को जरूरत के अनुसार कोर्ट में भी पेश किया जायेगा. इसके अलावा चोरी करने के तरीकों के बारे में राज्य भर के बिजली अभियंताओं को भी बताया जायेगा. अभियंताओं को मोबाइल देने की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जायेगी. इसी वित्तीय वर्ष से इसे अमलीजामा पहनाया जायेगा.