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केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की घोषणा, बिहार के लिए बदलेगा मानदंडपटना : केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि विशेष राज्य के दज्रे के मानदंड में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन की अध्यक्षता में जल्द ही एक उप समिति बनेगी. नये मानदंड में पिछड़ेपन को शामिल किया […]

केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की घोषणा, बिहार के लिए बदलेगा मानदंड
पटना : केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि विशेष राज्य के दज्रे के मानदंड में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन की अध्यक्षता में जल्द ही एक उप समिति बनेगी. नये मानदंड में पिछड़ेपन को शामिल किया जायेगा.

कमेटी से मिली रिपोर्ट के आधार पर नयी श्रेणी के मानदंडों में बिहार विशेष राज्य का दर्जा के लिए क्वालीफाई कर जायेगा. राजगीर में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में भाग लेने के लिए शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर आये केंद्रीय वित्त मंत्री ने बैंकों को निर्देश दिया है कि बिहार में शिक्षा और खेती से संबंधित ऋण बांटने में प्राथमिकता दें.

खासतौर पर अग्रणी बैंक एसबीआइ को इसकी जमीनी स्तर पर निगरानी करने को कहा. उन्होंने नालंदा विवि के लिए फंड की कमी नहीं होने का भी भरोसा दिया.

नालंदा से पटना आने के क्रम में चिदंबरम प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम भी गये. दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व जदयू सांसद एनके सिंह की मौजूदगी में एयरपोर्ट पर बताया कि विशेष राज्य के दज्रे के सिलसिले में बनाने वाली उपसमिति की घोषणा जल्द कर दी जायेगी.

इसके पहले राजगीर में बैंकर्स समिति की बैठक की और बैंकों को कड़े निर्देश दिये. वित्तीय वर्ष 2012-13 के निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति नहीं होने पर चिंता जतायी. विगत वर्ष मात्र 410 बैंक शाखा खुल सके थे. चालू वित्तीय वर्ष में 750 शाखाएं खोली जायेंगी. 11 लाख से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण किया जायेगा. वित्त मंत्री शनिवार की सुबह 8.50 मिनट पर पटना पहुंचे और हेलीकॉप्टर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ राजगीर गये.

वहां उन्होंने प्रस्तावित नालंदा अंतरराष्ट्रीय विवि के लिए चिह्न्ति स्थल का निरीक्षण किया. प्राचीन नालंदा विवि परिसर को भी देखा. कहा, केंद्र सरकार ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विवि के लिए 2011 में अगले दस वर्षो के लिए 2154 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. प्राचीन नालंदा विवि को यूनेस्को से वर्ल्ड हेरिटेज घोषित कराया जायेगा.

17 मार्च, 2013 : रामलीला मैदान में अधिकार रैली
27 फरवरी, 2013 : आर्थिक सर्वेक्षण में विशेष राज्य के दर्जे मिलने का संकेत
28 फरवरी, 2013 : केंद्रीय वित्त मंत्री का बजट भाषण में विशेष दर्जे के लिए नये फामरूला की चर्चा
07 दिसंबर, 2012 : पीएम से मिले सीएम, विशेष दर्जे की मांग
06 दिसंबर, 2012 : सीएम की ओर से पीएम को पत्र
04 नवंबर, 2012 : पटना में जदयू की अधिकार रैली
03 मार्च, 2012 : वित्त मंत्री और योजना आयोग के उपाध्यक्ष को पत्र
23 मार्च, 2011 : प्रधानमंत्री को सौंपा ज्ञापन
11 मार्च, 2011 : प्रभात खबर का विशेष राज्य के लिए हस्ताक्षर अभियान
18 दिसंबर 2011 : केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र
23 मार्च, 2011 : सांसदों ने पीएम को ज्ञापन सौंपा

नालंदा विवि के निर्माण में पूरी मदद

पटना : केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राजगीर में बन रहे नालंदा विश्वविद्यालय की प्रगति का शनिवार को जायजा लिया. वे नालंदा विवि के लिए चयनित स्थल भी गये व विवि की गवर्निग बोर्ड के सदस्यों के साथ मीटिंग की.

विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं, यहां आने-जाने के लिए आवागमन के साधन समेत शिक्षकों की नियुक्ति व पाठय़क्रम पर उन्होंने विस्तार से चर्चा की. कुलपति गोपा सभरवाल ने वित्त मंत्री को विवि के स्थापना कार्य में अब तक की प्रगति की जानकारी दी. चिदंबरम ने बोर्ड को आश्वासन दिया कि विवि के निर्माण में केंद्र सरकार पूरा सहयोग करेगी.

2014 में शुरू होगी पढ़ायी

नालंदा विवि में सितंबर, 2014 से पढ़ाई शुरू होनी है. शुरुआत में दो विषयों हिस्टोरिकल स्टडीज व इन्वायरमेंटल इकोलॉजी की पढ़ाई होगी. इसके बाद इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, इकोनॉमिक्स इन बिजनेस मैनेजमेंट आदि विषयों की पढ़ाई होगी. नालंदा विवि के कैंपस की डिजाइन के लिए एजेंसी का चयन इसी माह छह तारीख को किया गया है.

डिजाइन तैयार कर व खर्च का आकलन कर इसके निर्माण के लिए अलग से टेंडर निकाला जायेगा. भवन बनाने तक राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराये भवन में पढ़ाई होगी. 450 एकड़ भूमि विवि को उपलब्ध करा दी गयी है, जिसकी चहारदीवारी बन गयी है.

इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना से एक ही हेलीकॉप्टर से नालंदा पहुंचे. वित्त मंत्री व मुख्यमंत्री ने प्राचीन नालंदा विवि का खंडहर देखा. पुरातत्व विभाग के अधीक्षक एसके मंजुल ने वित्त मंत्री को प्राचीन नालंदा विवि की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धन की कमी से इस अनमोल धरोहर को सहेजने में परेशानी हो रही है. इस पर वित्त मंत्री ने उन्हें इस संबंध में डीपीआर बनाने का निर्देश दिया और कहा कि इस धरोहर को संरक्षित करने के लिए केंद्र हर मदद देगा.

विशेष दज्रे का ऐसे उठा मसला

विशेष राज्य के दज्रे की मांग के लिए प्रधानमंत्री को पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन जून, 2006 को पत्र लिखा. चार अप्रैल,2006 को विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री के अलावा योजना आयोग के उपाध्यक्ष से मिल कर ज्ञापन सौंपते रहे.

31 मार्च, 2010 को विधान परिषद में भी सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया गया. 14 जुलाई, 2011 को जदयू ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सवा करोड़ बिहारवासियों के हस्ताक्षर के साथ ज्ञापन सौंपा. प्रधानमंत्री ने योजना आयोग की सदस्य सचिव सुधा पिल्लई की अध्यक्षता में अंतर मंत्रालयी समूह गठित किया.

समिति ने 30 मार्च, 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंप दी. रिपोर्ट में बिहार के पिछड़ेपन को स्वीकार किया गया, लेकिन वर्तमान मानकों के आधार पर विशेष राज्य के दर्जे की मांग को खारिज कर दिया गया. यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मिली. मुख्यमंत्री ने तत्काल पिछड़े राज्यों के लिए नये मानक तय करने की मांग की.

इसके बाद राज्यसभा में जदयू सांसद एनके सिंह ने सवाल उठाया. इसके जवाब में सरकार ने कहा कि पिछड़ेपन के फॉर्मूले में बदलाव लाया जायेगा. इसके लिए नये मानक तय किये जायेंगे.

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