लाइफ रिपोर्टर@पटनामोकामा, चिंतामणिचक के इशेंद्र कश्यप अपनी मेहनत से पहली बार में ही यूपीएससी की परीक्षा में 662 रैंक प्राप्त हासिल किया. 2014 में ही आइआइटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पुरी की. छठे सेमेस्टर में आइएएस बनने का सपना दिल में बैठाया. इसके बाद 2013 से ही तैयारी में जुट गये थे. उन्होंने कहा कि कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट में मैने भाग नहीं लिया और तैयारी में लगा रहा. पास आउट होने के बाद दिल्ली में तैयारी करने लगा. इसके बाद मेहनत का फल मिला है. मैं और मेरे परिवार के लोग काफी खुशी है, लेकिन मुझे अगले वर्ष भी यूपीएससी की परीक्षा में बैठना है. उन्होंने कहा कि माता नूतन सिन्हा व पिता हरेंद्र कश्यप का सपना पूरा करना है. सपने को पूरा करने के कारण काफी वर्ष से घर नहीं गया हूं. अब घर आना है और कुछ समय परिवार के साथ बिताना है. ट्रेनिंग के समय भी आइएएस की तैयारी करनी है. इस रैंक से उम्मीद है कि सेंट्रल सर्विस में एकाउंट, डिफेंस या फिर रेलवे में ज्वाइन करया जा सकता हैं. उन्होंने कहा कि मेरी पढ़ाई 10 वीं तक ज्ञान निकेत व 12वीं ज्ञान भारती स्कूल गया से हुई है.
इंजीनियरिंग पूरा करने के साथ यूपीएससी का भी सपना हुई पूरा
लाइफ रिपोर्टर@पटनामोकामा, चिंतामणिचक के इशेंद्र कश्यप अपनी मेहनत से पहली बार में ही यूपीएससी की परीक्षा में 662 रैंक प्राप्त हासिल किया. 2014 में ही आइआइटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पुरी की. छठे सेमेस्टर में आइएएस बनने का सपना दिल में बैठाया. इसके बाद 2013 से ही तैयारी में जुट गये थे. उन्होंने […]
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