कब स्थायी होंगे कार्यभारित कर्मी
पटना : मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद दो हजार कार्यभारित कर्मियों की सेवा को स्थायी करने संबंधी संचिका अपने अंतिम पड़ाव पर नहीं पहुंच पा रही है. दो माह बाद अब सेवा स्थायी करने के लिए मंत्रिमंडल को प्रस्ताव भेजने की तैयारी शुरू की है.
क्या है प्रक्रिया
किसी विषय पर निर्णय के लिए संचिका सहायक के यहां से प्रशाखा पदाधिकारी के पास जाती है. वहां से अवर सचिव और फिर उपसचिव, अपर सचिव, विशेष सचिव व सचिव व्यय के माध्यम से प्रधान सचिव के पास जाती है. इतने जगहों से संचिकाओं के गुजरने में कम–से–कम 15 दिनों का समय लगता है.
इस अवधि में संचिका का निष्पादन कर देना है. वित्त विभाग ही एक ऐसा विभाग है, जहां संचिकाओं के निष्पादन में महीनों लग जाते हैं. इस संबंध में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कार्य की अधिकता के कारण संचिकाओं के निष्पादन में विलंब होता है.
छह कमेटियां गठित, पर निर्णय नहीं
इधर, कार्यभारित कर्मियों की सेवा स्थायी करने के लिए छह बार उच्चधिकार प्राप्त कमेटी का पुनर्गठन किया जा चुका है. जब कोई नये सदस्य काम को समझते हैं, उनका स्थानांतरण हो जाता है.
परिणाम यह है कि मसला किसी नतीजे तक पहुंच ही नहीं पाता. अधिकारियों के अनुसार अगर निर्णय ले लिया जाये, तो लगभग पांच हजार से अधिक दैनिक वेतनभोगी कर्मियों की सेवा स्थायी करने की समस्या का निदान हो जायेगा.