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सात लाख परचाधारियों का पता नहीं

पटना: छह माह के अथक प्रयास के बावजूद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सात लाख परचाधारियों को खोज नहीं सकी. यह राज्य के अब तक जारी हुए कुल परचा का 30 प्रतिशत है. आखिर इनका वजूद है भी या ये कागजी परचाधारी हैं. इनकी खोज में राज्य के सभी प्रखंडों के अंचलाधिकारी, राजनीतिक दलों और […]

पटना: छह माह के अथक प्रयास के बावजूद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सात लाख परचाधारियों को खोज नहीं सकी. यह राज्य के अब तक जारी हुए कुल परचा का 30 प्रतिशत है. आखिर इनका वजूद है भी या ये कागजी परचाधारी हैं. इनकी खोज में राज्य के सभी प्रखंडों के अंचलाधिकारी, राजनीतिक दलों और स्वयंसेवी संगठनों की गठित कोर कमेटी के सदस्य और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारी शामिल थे. अब विभाग ऐसे परचाधारियों की खोज और बेदखल परचाधारियों को जमीन पर दखल दिलाने के लिए इस साल के सितंबर तक अवधि विस्तार किया है.

ऑपरेशन दखल दिहानी कार्यक्रम के तहत इस अवधि में बेदखल परचाधारियों को जमीन पर दखल दिलाने के साथ-साथ गायब सात लाख 12 हजार दस परचाधरियों की खोज की जायेगी. विभागीय अधिकारी ने बताया कि 26 जून तक राज्य भर में 23 लाख 76 हजार 714 लोगों को तीन डिसमिल या इससे अधिक जमीन का परचा दिया गया था. खोजबीन में सिर्फ 16 लाख 64 हजार 704 परचाधारियों की जानकारी मिल सकी. इन परचाधारियों में एक लाख 41 हजार को अब तक जमीन पर कब्जा नहीं मिली है. विभाग के प्रयास से अब तक मात्र 30 हजार 377 लोगों को दखल दिलाया जा सका है. अब एक बार फिर विभाग ने इसे सितंबर तक पूरा करने की बड़ी तैयारी शुरू की है.

परचाधारियों की खोज और दखल के लिए माइक से होगा प्रचार
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव जी ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश जारी कर परचाधारियों की पहचान और दखल दिलाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि गांव में माइक से प्रचार कर लोगों को ऑपरेशन दखल दिहानी की सूचना दी जाये. उन्होंने कहा है कि परचाधारियों को दखल दिलाने के लिए टोला सेवक, विकास मित्र और पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाये. ऑपरेशन दखल दिहानी की अब जिलाधिकारी के स्तर पर मॉनीटरिंग होने की जानकारी देते हुए कहा है कि परचाधारियों को दखल दिलाने के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया जाये. उन्होंने कहा है कि हो सकता है कि एक ही पंचायत में कई बार शिविर का आयोजन करना पड़े.

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