वे कहते हैं कि युवा साथ दें तो वे बिहार को बदल देंगे. इनके इस झांसे में बिहार के नौनिहाल नहीं आनेवाले हंै. जिस व्यक्ति का चाल, चरित्र और चेहरा स्वयं अच्छा नहीं है, वह अपने अनुसार बिहार चलाना चाहेगा. इसे युवा और आम जनता नहीं पसंद करेगी. पप्पू यादव का अब तक जो क्रियाकलाप, व्यवहार, आचरण रहा है, वह जगजाहिर है.
बिहार के डॉक्टरों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था, आखिर वह आंदोलन कहां चला गया, क्यों समाप्त हो गया? यह रहस्य की बात है. आम चर्चा है कि जब मोटी रकम मिली तो आंदोलन समाप्त हो गया. सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के साथ धोखा देकर सांप्रदायिक शक्तियों के गोद में बैठ कर लालू प्रसाद को गाली देने से बिहार के नौजवान झांसे में नहीं आनेवाले हैं. पप्पू पर भाजपा एवं अमित शाह से मोटी रकम लेकर सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की धारा को कमजोर करने का आरोप लगाया.