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स्टोन चिप्स पर वैट घटाने के मामले में हाइकोर्ट का आदेश, चार हफ्ते में सरकार बताये यह कैसे हुआ
पटना: वर्ष 2007 में स्टोन चिप्स एवं इससे जुड़े उत्पाद पर वैट की दर कम करने के मामले को पटना हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में चार सप्ताह में जवाब मांगा है. मंगलवार को नागरिक अधिकार मंच की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान […]
पटना: वर्ष 2007 में स्टोन चिप्स एवं इससे जुड़े उत्पाद पर वैट की दर कम करने के मामले को पटना हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में चार सप्ताह में जवाब मांगा है. मंगलवार को नागरिक अधिकार मंच की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश सुधीर सिंह के खंडपीठ ने यह आदेश दिया.
2007 से 2011 के बीच वित्त वाणिज्यकर विभाग की ओर से बिना कैबिनेट की मंजूरी लिये ही स्टोन चिप्स पर से वैट की निर्धारित 12.5 प्रतिशत की दर को कम कर आठ प्रतिशत कर दिया गया था, जबकि इस दौरान स्टोन चिप्स पर 12 प्रतिशत इंट्री कर भी लग रहा था. याचिकाकर्ता के वकील का तर्क सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षतावाले खंडपीठ ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.
कोर्ट के इस फैसले से तत्कालीन सरकार और अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में भी सवाल उठाये गये थे. तत्कालीन सरकार और उसके वित्त मंत्री के कामकाज पर भी सवाल उठाया गया था. वकील ने सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले से खजाने को पांच सौ करोड़ रुपये की चपत लगी थी.
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