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जदयू के राज्यस्तरीय स्वास्थ्य समागम-2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया एलान, ग्रामीण चिकित्सकों को मिलेगी ट्रेनिंग
पटना: राज्य के ग्रामीण चिकित्सकों को ट्रेंड किया जायेगा और कई रोगों का इलाज और बीमारियों की रोकथाम के उपाय बताये जायेंगे. उनकी एक साल की ट्रेनिंग जुलाई के मध्य से शुरू की जायेगी. यह घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एसके मेमोरियल हॉल में जदयू के चिकित्सा प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित राज्यस्तरीय […]
पटना: राज्य के ग्रामीण चिकित्सकों को ट्रेंड किया जायेगा और कई रोगों का इलाज और बीमारियों की रोकथाम के उपाय बताये जायेंगे. उनकी एक साल की ट्रेनिंग जुलाई के मध्य से शुरू की जायेगी. यह घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एसके मेमोरियल हॉल में जदयू के चिकित्सा प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित राज्यस्तरीय स्वास्थ्य समागम-2015 में की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण चिकित्सक जब ट्रेंड हो जायेंगे, तो उनका मनोबल ऊंचा होगा और अंदर से मजबूत होकर इलाज कर सकेंगे. जुलाई से ग्रामीण क्षेत्रों के अप्रशिक्षित चिकित्सकों के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान की ओर से ‘जनस्वास्थ्य व्यावसायिक पाठय़क्रम’ शुरू होगा. इसमें इन्हें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी का आधारभूत ज्ञान दिया जायेगा. इसके अलावा स्वास्थ्य, स्वच्छता, संक्रामक, प्राथमिक उपचार, औषधि विज्ञान, दवाओं के दुष्प्रभाव की जानकारी समेत परिवार नियोजन, टीकाकरण, मातृत्व स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य की भी ट्रेनिंग दी जायेगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी अप्रशिक्षित चिकित्सकों को ऑनलाइन अप्लाइ कर अपना एडमिशन लेना होगा. इसके लिए सभी जिलों में करीब 150 रेफरल यूनिट में काम शुरू होगा. इसकी जानकारी समय पर स्वास्थ्य विभाग देगा.
मुख्यमंत्री ने बताया कि गांव-देहातों में अब भी बुखार के लिए तीन-चार एंटीबायोटिक दे दी जाती है. कोई-न-कोई दवा तो सूट करेगी ही. पेट खराब हुआ, तो तुरंत पानी चढ़ा दिया जाता है. इसका साइड इफेक्ट तो होता नहीं है, उल्टे फायदा करता है. गांवों में लोगों की मानसिकता तो ऐसी हो गयी है कि अगर दवा से उसका इलाज सही दिशा में चल भी रहा है, तो उन्हें लगता है कि डॉक्टर साहब ने तो पानी चढ़ाया ही नहीं. इसलिए गांव के इन्हीं अप्रशिक्षित डॉक्टर को ट्रेनिंग दी जानी है, ताकि गांवों में भी डॉक्टर की जरूरतें पूरी हो सके.
रिटर्न की आशा में नहीं करते काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी के लिए हम जब कुछ करते हैं, तो रिटर्न की आशा में काम नहीं करते हैं. जो सही लगता है, जनहित के लाभ के लिए होता है, वैसा ही काम करना चाहिए और हम करते भी हैं. इसलिए सपोर्ट की आशा नहीं करते हैं. जो अच्छा लगे, वही करें. अगर लगता है कि बयान बहादुर अच्छे हैं या फिर काम करनेवाले, उन्हें सपोर्ट करें. हमारी मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्रों के डॉक्टर का बेहतर इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
कहलायेंगे मेडिकल कीटवाले डॉक्टर : चौधरी
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि ग्रामीण अप्रशिक्षित चिकित्सक प्रशिक्षण के बाद मेडिकल कीटवाले डॉक्टर कहलायेंगे. बिहार में मेडिकल कॉलेजों की कमी है और इतने डॉक्टर भी नहीं कि सभी जगहों पर उनकी तैनाती की जाये. जब ग्रामीण अप्रशिक्षित चिकित्सक ट्रेंड हो जायेंगे, तो लाखों गरीबों का इलाज आसानी से हो सकेगा. उन्होंने कहा, सरकार आपकी सुध ले रही है, तो आनेवाले समय में सरकार के बारे में भी सोचिएगा.
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