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‘राज्य स्तरीय स्वास्थ्य समागम 2015’ में बोले सीएम, अल्टीमेटम नहीं दें डॉक्टर मुझ पर नहीं पड़ता असर

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जदयू के चिकित्सा प्रकोष्ठ के ‘राज्य स्तरीय स्वास्थ्य समागम 2015’ पर चिकित्सकों के कामकाज को लेकर कई नसीहत दी. कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने डॉक्टर्स के अल्टीमेटम पर कहा कि उन्हें वे अल्टीमेटम नहीं दें. इसका उन पर कोई असर नहीं होता है. अभी […]

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जदयू के चिकित्सा प्रकोष्ठ के ‘राज्य स्तरीय स्वास्थ्य समागम 2015’ पर चिकित्सकों के कामकाज को लेकर कई नसीहत दी. कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने डॉक्टर्स के अल्टीमेटम पर कहा कि उन्हें वे अल्टीमेटम नहीं दें. इसका उन पर कोई असर नहीं होता है. अभी का अल्टीमेटम वेलिड होगा क्या? कुछ नहीं होगा.
डॉक्टर्स मरीजों को चिंता करें. उनकी चिंता के लिए सरकार है. सरकार चिकित्सकों के लिए सब काम कर रही है. उनकी सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की बात हो रही है. अब कहिएगा कि दो दिन में हो जाये, तो कहां से संभव है. सभी की एक प्रक्रिया होती है और उसी के अनुसार काम होता है.
मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि प्रेम से कोई मांग करेंगे, तो उसे पूरा करने में गला कटा देंगे,लेकिन जहां दबाव बनाइएगा, तो दबाते रहिए. उस पर ध्यान भी नहीं देंगे. एलोपैथ में बहुत काम हो रहा है. वह डॉक्टर्स की इज्जत करते हैं और उनके समर्थक हैं. ऐसे में अपने समर्थक को ही डॉक्टर अल्टीमेटम देंगे तो यह सही नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि संविदा पर डॉक्टर्स की बहाली की गयी थी. वे काबिल थे, तभी बहाल हुए थे. अब कहां बात हो रही है कि उन्हें रेगुलर नहीं किया जायेगा. सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को उनकी परमानेंट बहाली के लिए काम करने को कहा है. जब सरकार वहीं काम कर रही है, तो उसी चीज की मांग क्यों हो रही है. मुख्यमंत्री ने 2005-06 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक डॉक्टर अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस से लौट रहे थे. रास्ते में उनका अपहरण हो गया. डीजीपी को लगाया गया और वह खुद इसकी मॉनीटरिंग कर रहे थे. चार जिलों के एसपी को भी अलर्ट कर दिया
गया था.
सरकार और पुलिस काम कर रही थी और डॉक्टर्स स्ट्राइक पर जाने की बात करने लगे. क्या डॉक्टर्स की हड़ताल से क्रिमिनल पकड़ा जायेगा? सीएम ने कहा कि डॉक्टर्स तो अब मरीजों को खुद से इंजेक्शन तक नहीं देते हैं. पारा मेडिकल स्टाफ से दिलवाते हैं जबकि उस घटना में एसपी खुद डॉग स्क्वायड के पीछे-पीछे दौड़ रहे थे. डॉक्टर्स को हड़बड़ाना नहीं चाहिए. इलाज में हड़बड़ाइएगा, तो गड़बड़ा जाइयेगा. डॉक्टर का काम ही है इलाज करना. समारोह में जल संसाधन, कृषि और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी, जदयू चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ एलबी सिंह समेत कई वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद थे.

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