देवघर/ फतुहा: पटना जिले के फतुहा थाने की पुलिस रविवार को ठगी मामले के आरोपित की पहचान करने देवघर पहुंची. पुलिस के अनुसार शेखपुरा निवासी राम बालक यादव यहां रामाकांत सिन्हा बन कर रह रहा था. पहले उसने फतुहा में फूड इंस्पेक्टर बन नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी की. इसी बीच उसका अपहरण हुआ और बाद में किसी तरह अपहर्ता के चंगुल से छूट कर देवघर आ गया.
जसीडीह में रामाकांत सिन्हा बन कर देवघर में रहने लगा. पगला बाबा मंदिर के पुजारी से जिले का सीआइ फूड इंस्पेक्टर बन कर ठगी की. इस संबंध में जसीडीह थाने में मामला दर्ज हुआ और पुलिस ने कथित फूड इंस्पेक्टर रामाकांत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसकी सूचना मिलते ही फतुहा पुलिस आरोपित का सत्यापन करने पहुंची. जसीडीह थाना से जानकारी लेने के बाद फतुहा पुलिस मंडल कारा पहुंची और रामाकांत उर्फ राम बालक का सत्यापन किया. फतुहा पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि सही में राम बालक का अपहरण हुआ था या उसने ऐसी झूठी कहानी रची थी.
पत्नी ने दर्ज कराया था अपहरण का मामला: बिहार पुलिस के अनुसार वे लोग राम बालक को पूर्व में भी खोजने देवघर आये थे. फतुहा में लोगों से ठगी करने का मामला सामने आया ही था कि राम बालक के अपहरण का मामला उसकी पत्नी ने थाने में दर्ज करा दिया. कांड के अनुसंधान के क्रम में राम बालक के मोबाइल के टावर का लोकेशन देवघर मिल रहा था. उसे खोजने बिहार पुलिस यहां पहुंची थी.
बड़ी सफाई से ठगा था पुजारी को: पागल बाबा आश्रम मंदिर के पुजारी बालेश्वर पांडेय ने रामाकांत सिन्हा पर जसीडीह थाना कांड संख्या 359/13 भादवि की धारा 420, 120 बी, 468, 471, 465 के तहत मामला दर्ज कराया था. बालेश्वर को उसने खुद के बारे में सात सितंबर को बताया था कि जिले का सीआइ फूड ऑफिसर है. उसने वोटर आइडी व नगद पांच हजार रुपये की मांग कर अन्नपूर्णा-अंत्योदय कार्ड बनवा देने का आश्वासन दिया. झांसे में लेकर सहयोगी के प्रयास से रामाकांत ने पुजारी से भी ठगी कर ली थी.