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देश में फासीवाद की आहट, राज्यों में चल रहा विकेंद्रित आपातकाल

पटना : भाकपा-माले के राष्ट्रीय महा सचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज पूरे देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है. देश में फासीवाद की आहट साफ-साफ सुनायी दे रही है. कई राज्यों में तो विकेंद्रित रूप से आपातकाल चल रहा है. वे शुक्रवार को आपात काल दिवस पर आइपीएफ द्वारा पटना के भगत सिंह […]

पटना : भाकपा-माले के राष्ट्रीय महा सचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज पूरे देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है. देश में फासीवाद की आहट साफ-साफ सुनायी दे रही है. कई राज्यों में तो विकेंद्रित रूप से आपातकाल चल रहा है.
वे शुक्रवार को आपात काल दिवस पर आइपीएफ द्वारा पटना के भगत सिंह चौक पर आयोजित सभा में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि 40 वर्ष पहले इंदिरा शासन द्वारा देश पर थोपे गये आपात काल को पुरानी पीढ़ी ने ङोला है और नयी पीढ़ी ने उसे समझा-बूझा है. हमने देखा है कि किस तरह देश के संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को ठप कर देश पर तानाशाही थोंपी गयी. आज हम एक बार फिर देख रहे हैं कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं-आदिवासियों को जेलों में सड़ाया जा रहा है. एक बार फिर देश में छोटे-छोटे आपातकाल दिख रहे हैं. नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश और श्रम विरोधी कानून बनाये जा रहे हैं.
शिक्षण से ले कर फिल्मी संस्थानों तक में भाजपा के लोगों को बैठाया जा रहा है. भाजपा के अंदर विरोध के तमाम स्वर को कुंद कर दिया जा रहा है. इन सबके पीछे आरएसएस है, जहां कभी कोई चुनाव नहीं होता. प्रो. डेजी नारायण ने कहा कि आज अघोषित इमरजेंसी के तहत संस्कृति कर्मियों-शिक्षकों और छात्रों पर प्रहार किये जा रहे हैं. जनता की आवाज को कुचल दिये जाने की हर कोशिश जारी है.
आज लोकतंत्र का माखौल उड़ाया जा रहा है. आइपीएफ द्वारा आपात काल दिवस पर आयोजित सभा को प्रो. नवल किशोर चौधरी, प्रो. विनय कंठ, राघवेंद्र दूबे, सरुर अहमद, प्रीति सिन्हा और रुपेश आदि ने भी संबोधित किया. इस मौके पर संस्कृति कर्मियों ने कई कार्यक्रम भी पेश किये. सभा का संचालन आइपीएफ के संयोजक संतोष सहर कर रहे थे.
प्रशान मुस्तैद रहता तो नहीं घटती घटना
पटना : प्रशासन ने यदि मुस्तैदी दिखायी होती, तो जहानाबाद में हिंसा की घटना नहीं होती. उक्त बातें जहानाबाद घटना की जांच रिपोर्ट में सीपीआई ने कही है. सीपीआई ने जहानाबाद की घटना की जांच के लिए राज्य कार्यकारिणी के सदस्य गिरिजानंदन सिंह के नेतृत्व में एक जांच दल को जहानाबाद के जफरगंज भेजा था. जांच दल ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट पार्टी के राज्य सचिव को सौंप दी है. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि जहानाबाद की घटना भाजपा और आरएसएस की सोची-समझी साजिश का नतीजा है.
भूमि-विवाद से जिनका कुछ लेना-देना नहीं था, उन्होंने जान-बूझ कर स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश की. भाकपा की जांच दल ने घटना को बिगाड़ने वालों को चिन्हित कर गिरफ्तार करने की मांग सरकार से की है.
जांच दल ने घटना स्थल पर सशस्त्र बल तैनात करने, भूमि-विवाद का शांतिपूर्ण तरीके से निपटारा करने और अफवाह फैलाने वालों को दंडित करने की मांग भी की है. भाकपा के जांच दल में जहानाबाद सीपीआई के जिला सचिव अंबिका प्रसाद, चंद्रमणि प्रसाद, आफताब आलम कादरी, डा. नरेंद्र शर्मा, रवींद्र कुमार, अनिल कुमार, महावीर प्रसाद और रमेश प्रसाद आदि शामिल थे.

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