यही नहीं, इस पर कानूनी कार्रवाई के लिए सीजेएम या एडिशनल सेशन जज के कोर्ट में सुनवाई की जायेगी ताकि निवेशकों के हितों के रक्षा की जा सके. ये बातें भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक (बिहार-झारखंड) मनोज कुमार वर्मा ने गुरुवार को आरबीआइ सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहीं. क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि हर जिले में काम कर रही फाइनेंसियल कंपनियों को कंपनी के प्रोफाइल व एक्टिविटी की जानकारी जिले के एडीएम को देनी होगी.
सूचना देने के लिए समय सीमा 30 दिन निर्धारित की किया गयी है. पहले से चल रहे या नयी कंपनियों को इसका पालन करना होगा. सूचना नहीं देने की स्थिति में जुर्माना के साथ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. उन्हें बताना होगा कि कंपनी में कौन निदेशक है. उन्होंने कहा कि अगले माह पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. फरजी नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों को पकड़ने के बाद किस प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करनी है. उन्हें नहीं पता है. इसके लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा. पूर्व में आइजी व डीआइजी रैंक के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. मौके पर प्रबंधक प्रवीण कुमार भी उपस्थित थे.