स्थानांतरित प्राचार्य व शिक्षकों का मामला छपरा (नगर). राजभवन के निर्देश पर बुधवार को चांसलर के समक्ष जेपीविवि के कुलपति प्रो द्विजेंद्र गुप्ता के साथ ही कुलपति के खिलाफ शिकायतकर्ताओं तत्कालीन प्राचार्यों व प्राध्यापकों द्वारा बारी-बारी से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा गया. इस दौरान चांसलर केशरीनाथ त्रिपाठी के आदेश पर उनके ओएसडी ने कुलपति पर लगे आरोपों को पढ़ कर सुनाते ही कहा कि तत्कालीन चांसलर के पांच-पांच आदेशों का पालन नहीं किये जाने पर क्यों नहीं कुलपति को बरखास्त कर दिया जाये. इस बीच कुलपति प्रो गुप्ता ने दो-तीन दिनों में आदेशों का पालन किये जाने की बात कही. इस पर चांसलर ने उन्हें रोकते हुए उनके वकील के माध्यम से पक्ष रखने को कहा. उधर, इस दौरान बारी-बारी से राजेंद्र कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ रामअयोध्या सिंह, प्राचार्य प्रमेंद्र रंजन सिंह, प्राचार्य शंभु प्रसाद तथा प्राध्यापक प्रो विजय प्रताप कुमार के वकील द्वारा अपना पक्ष रखा गया. वहीं, हिस्ट्री के प्राध्यापक डॉ अशोक कुमार ने खुद ही चांसलर के समक्ष अपना पक्ष रखा. मालूम हो कि कुलपति द्वारा इन सभी का स्थानांतरण कर दिया गया था. कुलपति के आदेश का उपरोक्त प्राध्यापक व प्राचार्यों द्वारा राजभवन में चुनौती देने के बाद राजभवन द्वारा इनके स्थानांतरण को गलत ठहराते हुए कुलपति के आदेश को रद्द कर उन्हें पूर्व स्थान पर योगदान कराने का आदेश निर्गत किया गया था. वहीं, जेपी विवि के कुलपति द्वारा उन आदेशों का पालन ही नहीं किया गया. उधर, बुधवार को अलग-अलग सुनवाई के बाद चांसलर द्वारा इस मामले की सुनवाई की तिथि एक जुलाई निर्धारित की गयी है.
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चांसलर के समक्ष उपस्थित हुए जेपी विवि के वीसी
स्थानांतरित प्राचार्य व शिक्षकों का मामला छपरा (नगर). राजभवन के निर्देश पर बुधवार को चांसलर के समक्ष जेपीविवि के कुलपति प्रो द्विजेंद्र गुप्ता के साथ ही कुलपति के खिलाफ शिकायतकर्ताओं तत्कालीन प्राचार्यों व प्राध्यापकों द्वारा बारी-बारी से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा गया. इस दौरान चांसलर केशरीनाथ त्रिपाठी के आदेश पर उनके ओएसडी ने कुलपति […]
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