गाद सफाई न होने के कारण 20 वर्षों से बंद है छोटी गंडकी का पानी निकलनासंवाददाता, पटना सीवान के 12 हजार दलित-मुसलिम परिवारों को बरबादी से बचाने के लिए छोटी गंडकी नदी बचाओ अभियान समिति राज्यव्यापी संघर्ष करेगी. यह घोषणा बुधवार को समिति के मुख्य संरक्षक संजीव श्रीवास्तव ने की. बीआइए सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस उन्होंने बताया कि पनबिजली के लिए भारत सरकार ने नेपाल के साथ समझौता किया है, जिसका दंश सीवान के बरहडि़या प्रखंड के पराठा गांव के आस-पास के करीब 12 हजार दलित व मुसलिम परिवार झेल रहे हैं. पानी के साथ आ रहा गाद उनके लिए खतरनाक साबित हो रहा है. परियोजना का पानी गोपालगंज के मांझा होते हुए चांचोपाली नहर में गिरता है. फिर उसका गाद बरहडि़या प्रखंड के पास से गुजरनेवाली गंडेरी नदी में गिर रहा है. गाद के कारण गंडेरी (छोटी गंडकी) नदी का पानी निकलना पिछले 20 वर्षों से बंद है. नतीजा यह है कि 22 गांवों की लगभग 50 हजार एकड़ भूमि जलमग्न है. खेती नहीं हो पा रही है. उन गांवों में रहनेवालों के घर-द्वार डूब जा रहे हैं. लोगों को कम-से-कम छह माह तक घर-द्वार छोड़ रिश्तेदारों के यहां रहना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि वर्षों से सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया, किंतु किसी ने उन 22 गांवों की सुधि नहीं ली. उन्होंने कहा कि उन गांवों को जल-जमाव से मुक्ति के लिए छोटी गंडकी नदी बचाओ अभियान समिति राज्य स्तर पर धरना-प्रदर्शन करेगी. इस मौके पर समिति की अध्यक्ष समीना खातून सहित कई ग्रामीण भी उपस्थित थे.
सीवान के 22 गांवों को जल-जमाव से मुक्ति के लिए बरहडि़या के ग्रामीण करेंगे आंदोलन
गाद सफाई न होने के कारण 20 वर्षों से बंद है छोटी गंडकी का पानी निकलनासंवाददाता, पटना सीवान के 12 हजार दलित-मुसलिम परिवारों को बरबादी से बचाने के लिए छोटी गंडकी नदी बचाओ अभियान समिति राज्यव्यापी संघर्ष करेगी. यह घोषणा बुधवार को समिति के मुख्य संरक्षक संजीव श्रीवास्तव ने की. बीआइए सभागार में आयोजित प्रेस […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement