पटना : जल संसाधन विभाग को दो सालों से बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (एफएमपी) के तहत पैसा नहीं मिल रहा है. एफएमपी में चयनित योजनाओं में राज्य को 75 फीसदी राशि मिलती है.
12वीं पंचवर्षीय योजना में जल संसाधन मंत्रलय ने एफएमपी के लिए कोई नीति नहीं बनायी. वर्ष 2014 में बाढ़ पूर्व काम कराने के मद में पैसे मिले, इसके लिए विभाग ने केंद्र को पत्र लिखा जायेगा.
411.61 करोड़ खर्च कर चुकी सरकार : वर्ष 2012 में बाढ़ पूर्व तटबंध मरम्मत के मद में 411.61 करोड़ रुपये खर्च किये गये. एफएमपी के तहत राज्य सरकार को 308.71 करोड़ मिलने थे. 102.9 करोड़ राज्य सरकार को खर्च करना था. केंद्र से पैसा नहीं मिलने के कारण बिहार सरकार को पूरी राशि खर्च करनी पड़ी.
2013 में एफएमपी के तहत घाघरा नदी व राघोपुर में काम कराये गये. दोनों पर क्रमश: 18 व 25 करोड़ रुपये खर्च किये गये. विभागीय अधिकारियों ने कहा कि हरेक पंचवर्षीय योजना में एफएमपी के लिए अलग से नीति बनायी जाती है. 12वीं पंचवर्षीय योजना 2012-17 के लिए एफएमपी की नीति मार्च, 2012 के पहले ही बन जानी चाहिए थी.
ऐसा नहीं होने के कारण ही बिहार को जल संसाधन मंत्रलय से राशि नहीं मिल पा रही है. वर्ष 2014 में भी विभाग को बरसात के पहले तटबंधों की मरम्मत, सुदृढ़ीकरण या ऊंचीकरण का काम करना होगा.
योजनाओं के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. दिसंबर तक ठेका का निबटारा कर लेना है और एक जनवरी से काम शुरू होना है. योजनाओं का चयन होने के बाद राशि लेने के लिए इस साल भी विभाग की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा जायेगा.