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बच्चे दवा नहीं, दुआ के भरोसे

शिशु वार्ड में न डॉक्टर, न नर्स और न दवा, बेड की भी किल्लत पटना : इमरजेंसी में दवा नहीं, वार्ड में डॉक्टर नहीं. मरीजों के लिए बेड नहीं और आइसीयू के नाम पर खानापूर्ति. यह हाल है पीएमसीएच के शिशु विभाग का. जहां बस बच्चों का इलाज हो जाता है. क्योंकि विभाग में इलाज […]

शिशु वार्ड में डॉक्टर, नर्स और दवा, बेड की भी किल्लत

पटना : इमरजेंसी में दवा नहीं, वार्ड में डॉक्टर नहीं. मरीजों के लिए बेड नहीं और आइसीयू के नाम पर खानापूर्ति. यह हाल है पीएमसीएच के शिशु विभाग का. जहां बस बच्चों का इलाज हो जाता है. क्योंकि विभाग में इलाज करनेवाले चिकित्सक कम हैं और उन्हें दवा देनेवाली नर्स, तो बस नाम की हैं.

आइसीयू छह बेड का है और उसका भी बेहाल है, जिसके कारण बच्चे आते हैं किसी और बीमारी का इलाज कराने, लेकिन आइसीयू में कुछ दिन रहने के बाद उन्हें कोई और बीमारी हो जाती है. नवजात बच्चों के लिए 20 बेड का एनआइसीयू (न्यूनेटल इंटेनसिव केयर यूनिट) बनाया गया है, लेकिन उसमें कम से कम 40 बच्चे भरती रहते हैं. मानों वह भी जेनरल वार्ड हो.

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