जल्ला के गांवों में बाढ़ का पानी तो घटा, पर परेशानी बरकरार
पटना सिटी : बाढ़ग्रस्त जल्ला की छह पंचायतों में जल स्तर कमा है, लेकिन मुसीबत ज्यों–की–त्यों बनी हुई है. किसानों के प्याज व धान की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गयी हैं, जबकि दरुगध से जीना मुहाल है. संक्रामक रोग का खतरा बढ़ गया है. गांवों की सफाई भी नहीं हो रही है.
अब जरूरत है युद्ध स्तर पर सफाई कार्य व ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव की, नहीं तो संक्रामक रोग कभी भी फैल सकता है. दूषित पेयजल की आपूर्ति से डायरिया फैलने का अंदेशा है. पूर्व मुखिया अमर सिंह, राम चंद्र सिंह, दिनेश राय आदि ग्रामीणों ने बताया कि जल्ला के गांवों में शीघ्र ही सफाई अभियान चलाना चाहिए.
महीने भर रहा पानी
कृषकों के गांव जल्ला में इस बार पुनपुन के पानी ने एक माह तक तबाही मचायी. एक माह तक जल्ला की छह पंचायत सोनावां, मरची , पुनाडीह, महुली , सबलपुर व फतेहपुर के ग्रामीणों का जनजीवन अस्त–व्यस्त रहा. आवागमन का साधन नहीं होने से ग्रामीणों की जिंदगी एक प्रकार से कैदियों जैसी हो गयी थी.
अब पानी घटने से ग्रामीण एक माह के बाद राहत की सांस ले रहे हैं, लेकिन दूसरी समस्याएं उन्हें परेशान कर रही हैं. पानी घटने के बाद रास्ते में फैली गंदगी व दरुगध से ग्रामीणों का जीना मुहाल है. क्षेत्र में संक्रामक रोग फैलने की आशंका जतायी जा रही है. गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र में दवाओं की कमी बनी है.
फसल नष्ट,नहीं मिल चारा
ग्रामीणों ने बताया कि एक माह के तक पूरे जल्ला क्षेत्र में जलजमाव होने से प्याज की फसल खेत में ही नष्ट हो गयी. जानवरों के लिए चारा नहीं मिल रहा है. प्रशासन की ओर समुचित राहत नहीं दिये जाने का आरोप भी ग्रामीण लगाते हैं. फसल नष्ट होने की स्थिति में ग्रामीणों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.