संवाददाता,पटना पारस एचएमआरआइ ने मुजफ्फरपुर के 37 वर्षीय मरीज की जान बचायी है. मरीज को सांस लेने में तकलीफ के साथ सीने में गंभीर दर्द था. अस्पताल के कार्डियक सर्जरी के निदेशक डॉ एसके सिन्हा ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि एओर्टिक डिसेक्शन एक गंभीर स्थिति है. जिसमें एओर्टा, जो दिल से शाखाओं में बंटी सबसे बड़ी रक्त वाहिका है. यह अंदरूनी परत को फाड़ देता है. फटे हुए हिस्से से खून का तेज आवेश एओर्टा के भीतरी व मध्यम परत को अलग कर देती है. तेज एओर्टिक स्थिति बहुत जानलेवा हो सकती है. डॉ अरविंद गोयल ने बताया कि मरीज की एओर्टा गंभीर स्थिति में थी. खून उसके पेट में भरने लगा था. मरीज की एओर्टा और एओर्टिक वॉल्व एक कृत्रिम नली द्वारा बदली गयी और एओर्टा को ठीक किया. खून का रिसाव बंद किया गया और दिल सामान्य रूप से चलना शुरू हो गया. सर्जरी लगभग सात घंटे तक चली. आंचलिक निदेशक डॉ रवि शंकर ने कहा कि इस प्रकार की कार्डियक सर्जरी करने के लिए भारत में कुछ केंद्र ही है, जिसमें बिहार-झारखंड क्षेत्र में कोई नहीं है. सर्जरी टीम में डॉ एसके सिन्हा, डॉ अरविंद गोयल, डॉ दीपक कुमार, डॉ अमित मोहन सहित अन्य शामिल थे.
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पारस एचएमआरआइ ने मरीज की बचायी जान-विज्ञापन
संवाददाता,पटना पारस एचएमआरआइ ने मुजफ्फरपुर के 37 वर्षीय मरीज की जान बचायी है. मरीज को सांस लेने में तकलीफ के साथ सीने में गंभीर दर्द था. अस्पताल के कार्डियक सर्जरी के निदेशक डॉ एसके सिन्हा ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि एओर्टिक डिसेक्शन एक गंभीर स्थिति है. जिसमें एओर्टा, जो दिल से शाखाओं […]
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