सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आधी-अधूरी तैयारी के साथ छापेमारी तो की गयी पर इसकी सूचना मीडिया तक नहीं पहुंचने दी गयी. इससे किन संस्थानों के खिलाफ छापेमारी की गयी, यह अधिकारियों की फाइल में ही बंद होकर रह गयी.
खाद्य संरक्षा आयुक्त से इस संबंध में बार-बार संपर्क करने की कोशिश की गयी, पर उन्होंने फोन नहीं उठाया. मालूम हो कि दो दिन पहले खाद्य संरक्षा आयुक्त ने राज्य में मैगी की बिक्री, विज्ञापन और भंडारण पर रोक लगाने की घोषणा की थी. यह कहा गया था कि मैगी की बिक्री करना, उसका किसी तरह का विज्ञापन करना और किसी भी खुदरा दुकानदार के पास रखना दंडनीय माना गया है.