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आजकल इतिहास के साथ छेड़छाड़ की हो रही कोशिश

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि आजकल इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की जा रही है. जिनका निजाम आ गया है, वे मिथ्या को भी इतिहास का अंग बनाने और इसे इतिहास के रूप में पेश कर रहे हैं. अलग-अलग इलाकों में विभिन्न तरह के मिथक प्रचलित हैं. इसका यह मतलब […]

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि आजकल इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की जा रही है. जिनका निजाम आ गया है, वे मिथ्या को भी इतिहास का अंग बनाने और इसे इतिहास के रूप में पेश कर रहे हैं. अलग-अलग इलाकों में विभिन्न तरह के मिथक प्रचलित हैं. इसका यह मतलब नहीं वे सभी इतिहास के अंग हैं. लोगों में साइंटिफिक टेंपरामेंट (वैज्ञानिक प्रकृति) विकसित करने की जरूरत है.

मुख्यमंत्री सीएम सचिवालय के संवाद कक्ष में आयोजित बिहार अभिलेखागार निदेशालय के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने निदेशालय की तरफ से प्रकाशित शोध पत्रिका ‘अभिलेख-बिहार’ और आजादी आंदोलन के दौरान प्रतिबंधित दस्तावेजों तथा लेखों को संकलित कर तीन खंडों में प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया.

उन्होंने कहा कि मिथ्या के माध्यम से लोगों को दकियानुसी विचार विकसित करने की कोशिश की जा रही है. एक तरफ विकास की बात की जा रही है, तो दूसरी तरफ दकियानुसी विचार थोपे जा रहे हैं. इतिहास को उसके वास्तविक रूप में ही पेश करने की जरूरत है. आनेवाली पीढ़ी को इतिहास की सच्चई समझाने की जरूरत है, ताकि वर्तमान को सही करने के साथ-साथ भविष्य को भी संवारने का काम हो सके. अगर मानसिकता नन-साइंटिफिक होगी, तो हम पिछड़ जायेंगे. इतिहास को उसी रूप में पेश करें, जो उसका सही स्वरूप है, बिना किसी तरह की छेड़छाड़ किये.
इस दौरान सांसद आरसीपी सिंह, पूर्व वीसी निहार नंदन प्रसाद सिंह, प्रो रत्नेश्वर मिश्र, मंत्रिमंडल सचिवालय के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव धर्मेंद्र सिंह गंगवार, सचिव चंचल कुमार, अभिलेखागार निदेशक डॉ विजय कुमार समेत अन्य मौजूद थे. नीतीश कुमार ने कहा कि लोगों के मन में इतिहास जानने के प्रति काफी रुचि है, बस इसे रोचक तरीके से प्रस्तुत करने की जरूरत है. संग्रहालय इसी का बेहतर माध्यम है. उन्होंने कहा कि बिहार अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय के निर्माण पर कई लोगों ने कटाक्ष किया, इसकी क्या जरूरत है. परंतु जिस व्यक्ति को अपनी धरोहर के बारे में एहसास नहीं होगा, वह अपना आज क्या ठीक करेगा और भविष्य क्या संवारेगा. नयी पीढ़ी को क्या देंगे हम. उन्होंने कहा कि जनकल्याण का काम करने के साथ-साथ धरोहर सहेजने का भी काम किया है. यही प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है. इससे आनेवाली पीढ़ी प्रेरित होगी.
अनसंग हीरो की कीर्ति प्रकाशित करें
सीएम ने कहा कि बिहार में कई ऐसे कई अनसंग (गुमनाम या अकीर्तित) हीरो हैं, जिनकी कीर्ति को उजागर करने की जरूरत है. आजादी की लड़ाई में ऐसे कई लोगों ने अहम भूमिका निभायी है. स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार की भूमिका बेहद अहम रही है. ऐसे तमाम तथ्यों और दस्तावेजों को एकत्र करके प्रकाशित करने की जरूरत है. इन दस्तावेजों का प्रकाशन बिना छेड़छाड़ के किया जा रहा है. स्वयं को प्रेरित करने के लिए इतिहास के ऐसे तथ्यों को जानने की जरूरत है. न जाने कोई व्यक्ति कब किस बात से प्रेरित होकर कुछ नया कर जाये. अलग-अलग काल खंडों में मौजूद सभी ऐतिहासिक दस्तावेजों को प्रकाशित और डिजिटलाइजेशन करने की जरूरत है.

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