पीपीपी मोड पर सड़क निर्माण करने के लिए कोई एजेंसी तैयार नहीं हो रही थी. हाइब्रिड एनुटी के तहत निर्माण करनेवाली एजेंसी को नेशनल हाइवे अथॉरिटी कर्ज उपलब्ध कराती है.
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बिहार प्लान: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दोहराया, हर तरह से दे रहे सहयोग पटना-बक्सर प्रोजेक्ट अगले माह से
पटना: पटना से बक्सर तक जानेवाली फोर लेन की नयी सड़क का निर्माण कार्य अगले एक महीने में आरंभ हो जायेगा. 122 किलोमीटर लंबी इस सड़क को चार लेन में बनाने की योजना को केंद्र ने हरी झंडी दे दी है. केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये यह […]
पटना: पटना से बक्सर तक जानेवाली फोर लेन की नयी सड़क का निर्माण कार्य अगले एक महीने में आरंभ हो जायेगा. 122 किलोमीटर लंबी इस सड़क को चार लेन में बनाने की योजना को केंद्र ने हरी झंडी दे दी है. केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि हाइब्रिड एनूटी सिस्टम के तहत देश भर में 17 प्रोजेक्ट को चिह्न्ति किया गया है. एक माह में सारे प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा. पटना-बक्सर फोर लेन को इस प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया है. काम आवंटित हो जाने के बाद 30 महीने में सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा. सड़क निर्माण करनेवाली एजेंसी को एनएचएआइ से कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा. सड़क निर्माण के बाद निर्माण एजेंसी टॉल टैक्स वसूल कर पहले एनएचएआइ का कर्ज चुकता करेगी. इसके बाद बैंक का लोन चुकायेगी.
फिर कहा, सेतु की मरम्मत को दिये 500 करोड़ : केंद्रीय मंत्री ने एक बार फिर कहा कि महात्मा गांधी सेतु की मरम्मत के लिए केंद्र सरकार ने पांच सौ करोड़ रुपये बिहार सरकार को उपलब्ध कराये हैं. सेतु की मरम्मत के लिए राशि की कमी नहीं होने दी जायेगी. मरम्मत के लिए जापान की संस्था जायका ने पूरे स्ट्रर बदलने की आवश्यकता बतायी है. इसके लिए 2800 करोड़ खर्च होगा. सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रलय ने सेतु की मरम्मत के लिए अब तक 500 करोड़ दिये हैं. सेतु की मरम्मत का काम बिहार सरकार करा रही है. राज्य सरकार को तकनीकी व वित्तीय सहयोग मिलता रहेगा.
सड़क निर्माण हो जाने पर संबंधित एजेंसी टाल टैक्स के जरिये एनएचएआइ कर्ज चुकायेगी. इसके बाद बैंक आदि का ऋण चुकता करना होगा. हाल ही में नेपाल में आये भूकंप के दौरान बिहार के रास्ते सहयोग करने के दौरान सड़कों की दुर्दशा देखी गयी.
स्पेशल प्लान के तहत राशि देकर उन सड़कों को मरम्मत कराया जा रहा है. सड़क के क्षेत्र में बिहार में 50 हजार करोड़ का काम हो रहा है.
80% जमीन अधिग्रहण के बाद ही स्वीकृति
नये सड़क निर्माण को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 80 फीसदी जमीन अधिग्रहण होने के बाद स्वीकृति मिलेगी. अक्सर जमीन अधिग्रहण नहीं होने के बाद एजेंसी द्वारा काम छोड़ दिया जाता है. इससे काम अधूरा रहता है. यूपीए सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ढाई साल में भी सड़क निर्माण के संबंध में क्लियरेंस नहीं हो पाता था. अब काम एवॉर्ड होने के बाद ढाई साल में उसे पूरा करना है.
इलाहाबाद – हल्दिया जलमार्ग का होगा विकास
जलमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत इलाहाबाद व हल्दिया के बीच गंगा नदी को विकसित किया जायेगा. हल्दिया, साहिबगंज व वाराणसी में गंगा नदी में मल्टीमोडल टर्मिनल की स्थापना के लिए काम चल रहा है. देश की 101 नदियों को जलमार्ग के लिए तैयार किया जा रहा है. इसमें 62 की डीपीआर बन रही है.
जल्द ही इ-टॉल की व्यवस्था होगी शुरू
देश भर में इ-टॉल की व्यवस्था शुरू होगी. गाड़ी पर स्टीकर लगाने के बाद टॉल टैक्स जमा करने के लिए रुकना नहीं पड़ेगा. देश भर में 317 टॉल टैक्स में 196 को इ-टॉल में कन्वर्ट कर दिया गया है. बिहार में एनएच-2 में दो टॉल टैक्स में इ-टॉल की व्यवस्था है. अगले एक माह में दस और जगहों पर इ-टॉल की व्यवस्था शुरू हो जायेगी.
इस्ट-वेस्ट कोरिडोर का काम होगा पूरा
इस्ट – वेस्ट कोरिडोर के तहत गोपालगंज के समीप 40 किमी सड़क निर्माण का काम एक माह में पूरा होगा. सड़क निर्माण के लिए एजेंसी को काम एवॉर्ड किया गया है.
सरकारी योजनाओं में सस्ती दर पर सीमेंट : सरकारी योजनाओं के निर्माण में सस्ती दर पर सीमेंट उपलब्ध कराया जायेगा. इंदिरा आवास, शौचालय, सड़क, पुल-पुलिया सहित अन्य सरकारी योजनाओं के निर्माण के लिए 120 से लेकर 140 रुपये तक सीमेंट उपलब्ध कराया जा सकता है. बिहार सरकार चाहे तो मंगा सकती है.
खुलेंगे पांच हजार सेंटर : वाहन संबंधी कागजात फिटनेस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि के सहयोग के लिए पांच हजार सेंटर खोले जायेंगे. इसमें लगभग पांच लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि आरटीओ (बिहार में डीटीओ) कार्यालय को बंद करना मकसद नहीं है. आरटीओ को भ्रष्टाचार मुक्त किया जायेगा. वाहन-सारथि का उपयोग कर डेटा की जानकारी रखी जायेगी. इसके द्वारा पांच साल पहले हुए दुर्घटना का भी पता चलेगा.
राज्य सरकार के सहयोग से यह काम होगा. उन्होंने कहा कि देश में आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है. लगभग 30 फीसदी ड्राइविंग लाइसेंस बोगस है. अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कंप्यूटर पर परीक्षा देनी होगी.
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